
सर्दी का कहर: ठंडी हवा से बढ़ीं त्वचा की बीमारियाँ, अस्पतालों में रोज़ाना 100 तक मरीज
जसवीर सूद (डिंपल सूद)
शिमला
सर्द मौसम जहां ताजगी और स्वादिष्ट खान-पान की सौगात लेकर आता है, वहीं ठंडी व शुष्क हवाएं सेहत के लिए चुनौती भी बन रही हैं। खासकर दिसंबर–जनवरी में त्वचा संबंधी रोग तेजी से बढ़े हैं। जिला अस्पताल डीडीयू में प्रतिदिन 80 से 100 तक त्वचा रोगी पहुंच रहे हैं, जिनमें जीरोसिस (अत्यधिक रूखी त्वचा) के मामले प्रमुख हैं।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. योगराज वर्मा के अनुसार, सर्दियों में नमी की कमी से त्वचा की ऊपरी परत प्रभावित होती है। इसके चलते खुजली, पपड़ी, खिंचाव, लालिमा, गुलाबी चिड़चिड़ापन और बारीक दरारें उभर आती हैं—खासतौर पर हाथों, बांहों और पैरों पर। नहाने के बाद समस्या और बढ़ जाती है।
क्यों बढ़ रही हैं त्वचा की परेशानियाँ?
ठंडी और शुष्क हवा नमी सोख लेती है
इनडोर हीटिंग से वातावरण और सूख जाता है
गर्म पानी से नहाने से त्वचा की प्राकृतिक नमी खत्म होती है
डॉक्टरों की सलाह: सर्दियों में ऐसे रखें त्वचा का ख्याल
गुनगुने पानी से नहाएं
नहाने के बाद नियमित मॉइस्चराइज़र लगाएं
गर्म टब/पूल में अधिक समय न बिताएं
तौलिये से रगड़ने की बजाय हल्के थपथपा कर सुखाएं
खूब पानी पिएं, संतुलित आहार लें
साबुन का कम उपयोग करें, जंक फूड से परहेज करें
साफ है—सर्दी का मौसम सिर्फ ठंड ही नहीं, त्वचा के लिए भी परीक्षा है। थोड़ी सावधानी और सही देखभाल से इस मौसम का आनंद बिना परेशानी उठाया जा सकता है।
— जसवीर सूद (डिंपल सूद)




