ख़ास खबर: आर्थिक तंगहाली की दुहाई देने वाले हिमाचल के शिक्षा विभाग में ये क्या?
शिक्षकों को निजी होटलों में प्रशिक्षण देने पर शिक्षा महकमे में चर्चा शुरू

एक तरफ तो हिमाचल सरकार के मंत्री हो अथवा अधिकारी प्रदेश में आर्थिक तंगहाली को दुहाई देते हैं। जहां कर्मचारियों की वित्तीय देनदारियों वर्ष से लंबित हैं वहीं विकासात्मक कार्य भी रुके पड़े हैं इसे में शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के हजारों शिक्षकों को निजी होटलों में प्रशिक्षण करवाया जा रहा हैं! इसे लेकर शिक्षा विभाग में सुबसुबाहट शुरू हो गई है ।कुछ शिक्षक संघों की माने तो सभी खंड स्तर पर प्रशिक्षण हेतु करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण हेतु कुछ ऐसे शिक्षक बुलाए गए हैं जो कुछ ही दिनों में या तो पदोन्नत हो रहे हैं या सेवानिवृत।
कुछ ऐसे शिक्षक हैं जिनकी कक्षाओं अथवा विषय का CCE पर होने वाले इस प्रशिक्षण से परोक्ष संबंध ही नहीं हैं । प्रशिक्षक निजी संस्थाओं से बुलाए गए जिसका अभिप्राय हैं कि SCERT,SIEMAT तथा DIET जैसी सरकारी संस्थाओं में वर्षों से प्रशिक्षण देने वाले सरकारी प्राचायों अथवा प्रवक्ताओं पर सरकार विश्वास नहीं कर पा रही हैं।
टीचर एसोसिएशन के मुताबिक़ अब प्रश्न पैदा होता हैं कि करोड़ों रुपए की यह राशि जो निजी होटलों में आयोजित होने वाले प्रशिक्षणों में खर्च को जा रही हे यदि इसे प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रसित विद्यालयों में आधारभूत संरचना ढांचा विकसित्वकरने में खर्च किया जाता तथा प्रशिक्षण को सरकारी संस्थाओं में किया जाता तो शायद इस धन का बेहतर उपयोग हो पाता।हालांकि विभाग का ये मानना है कि शिक्षा में पारदर्शिता और प्रशिक्षण को लेकर यह क़दम उठाया जाता रहा है शिक्षा में सुधार को लेकर ये रास्ता नियम के तहत अपनाया जाता रहा है