असर विशेष: हिंदी के प्रश्न पत्र में कई गलतियाँ

डी एल एड प्रथम वर्ष की अभी 13 नवंबर 2024 को सम्पन्न हुई परीक्षा के हिंदी के प्रश्न पत्र में कई त्रुटियां पाई गई। खंड क के प्रश्न संख्या 1 के घ में बलाघात और स्वराघात में अंतर पूछा गया जबकि बालाघात का ही एक भेद स्वराघात होता है।
छात्र इस प्रश्न में उलझते नजर आए। इसी तरह खंड ग में 3 क इकाई एक से प्रश्न डाला गया, खंड घ में इकाई दो से और खंड ङ में इकाई तीन से जबकि बोर्ड के पहले ही निर्देश है कि पहला प्रश्न सभी इकाईओं से और बाकि चारों इकाईयों से दो -दो प्रश्न और अथवा सहित चार प्रश्न डालें जाए और किसी भी प्रकार की सहायक पुस्तक से कोई प्रश्न न पूछा जाए।
इसी तरह खंड घ में प्रश्न संख्या 4 ख और उसी के अथवा का प्रश्न क और ख डी एल एड द्वितीय वर्ष के सिलेबस से पूछे गए। खंड ङ के प्रश्न संख्या 5 के अथवा का क परीक्षण के प्रकार पूछे गए जबकि स्लेबस में मूल्यांकन है परीक्षण नहीं। डॉईट नाहन में हिंदी के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ राही ने बताया कि इस तरह की त्रुटियां नहीं होनी चाहिए थी। एस सी ई आर टी सोलन द्वारा डी एल एड दो वर्षीय डिप्लोमें के लिए सिलेबस तैयार किया गया है लेकिन इसके लिए कोई पाठ्य पुस्तकें नहीं बनाई गई है जिस कारण अधिकतर छात्रों द्वारा निजी प्रकाशकों द्वारा छापी गई सहायक पुस्तकें पढ़ी जाती है जिसमें कई त्रुटियां पाई जाती है।
डी एल एड प्रथम वर्ष के छात्रों ने सवाल उठाया है कि प्रश्न पत्र में इस तरह की गलतियों की सम्भावना तभी अधिकतर बनती है जब अध्यापकों द्वारा सिलेबस को न देख कर इन निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को पढ़ाया और उसे देख कर प्रश्न पत्र तैयार किए जाते हैं। डी एल एड प्रथम वर्ष के छात्र ऋतिक गॉड, निधि, प्रिया, काजल, अलीशा, नेसी, कपिल, प्रभात, उर्वशी, दीपक, भारती, सुमित आदि आठ दर्जन छात्रों ने शिक्षा सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला से माँग की है कि उनके भविष्य को ध्यान में रख कर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाए।


