हल्ला बोल: सचिवालय के बाहर 5 जून को दिव्यांगों का हल्ला बोल

5/06/2023 को दिव्यांग वर्ग को रोजगार दिलवाने हेतु शिमला सेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। संगठन की तरफ से दिनांक 30/01/2023 को मांग पत्र भेजा गया था जिसकी 31 मार्च तक की अवधि दी गई थी। लेकिन सरकार ने किसी भी तरह की गंभीरता नहीं दिखाई। जिस वजह से संगठन को धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। संगठन की 6 अप्रैल 2023 को शिमला में बैठक हुई जिसमें धरना प्रदर्शन करने का कार्यक्रम तय हुआ। संगठन की मांग है कि दिव्यांग वर्ग को रोजगार मुहाया करने की जो वर्तमान की पॉलिसी है उसे बदल दिया जाए। वर्तमान की पॉलिसी के अनुसार 100 दिव्यांग में से 2 से 4 या 5 ही दिव्यांगो को रोजगार मिलता है। जिसकी वजह से जिन्हें रोजगार की बहुत ज्यादा जरूरत है वे रोजगार से वंचित रह जाते हैं। प्रदेश सरकार हमेशा से पंजाब सरकार का अनुसरण करती आई है पंजाब के शिक्षा विभाग ने साल 2016 में 160 दृष्टि दिव्यांगो को रोजगार दिया। साल 2021 में पंजाब के स्थानीय एवं निकाय विभाग ने (सभी श्रेणी के दिव्यांग) दिव्यांगों के लिए 332 पदों के बैकलाग को भरा। पंजाब के सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने 42 विभागों से रोजगार का डाटा एकत्र करके 900 पर्दो का पत्र दिनांक 16/03/2023 को एत्रहीन युवक संगठन को दिया जिसकी भर्ती प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू हो जाएगी ऐसा आस्वश्न पत्र नेत्रहीन युवक संगठन को दिया जिसके लिए संघटन ने आभार व्यक्त किया है। इसी तरह की मुहीम हिमाचल में यदि चलाई जाए तो बहुत से दिव्यांग लाभावित हो सकते हैं। दिव्यांग वर्ग को रोजगार प्राप्त करने हेतु सड़कों पर उतरना पड़ता है जिस वजह से दिव्यांगो को भी परेशान होना पड़ता है और सरकार को भी। दिव्यांग वर्ग को रोजगार मुहाया करने की जो वर्तमान की पॉलिसी है उस पॉलिसी के अनुसार बहुत कम दिव्यांग रोजगार में लग पाते हैं। इस पॉलिसी की वजह से बहुत से दिव्यांग उम्र निकलने की वजह से रोजगार से वंचित रह गए। कुछ की उम्र निकलती जा रही है। जीविकोपार्जन किए लिए दिव्यांग वर्ग के पास 1700 पेंशन ही है। दिव्यांग बेरोजगार होने की वजह से उकने घर वाले भी उन्हें घर में रखना पसंद करते हैं जिस वजह से उनकी जिंदगी बद से बदतर हो जाती है। जिनके पास शिक्षा है और उनकी उम्र निकलती जा रही है उन्हें पहले रोजगार दिया जाए। सभी विभागों से डाटा एकत्र करके दिव्यांगों को रोजगार देने हेतु भर्ती मेले का आयोजन किया जाए जिसमे योग्यता अनुसार रोजगार दिया जाए। दिव्यांग होने की वजह से बहुत से दिव्यांगरोजगार न मिलने के कारण आत्मदाह तक के लिए मजबूर हो रहे हैं क्योंकि उन्हें उनके घर वाले भी नहीं रखते और न ही उनका वे साथ देते हैं। इस लिए जल्द से जल्द नई पालिसी बनाई जाए जिससे अधिक संख्या में दिव्यांग रोजगार में लग सकै। यदि सरकार ने पॉलिसी बनाने में ढील बरती तो आए दिन शिमला सेक्ट्रेट में इसी तरह के धरना प्रदर्शन होते रहेंगे। प्रदेश सरकार ने सहारा योजना को भी बंद करके दिव्यांग वर्ग के साथ कुठाराघात किया है इस योजना को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए। शिक्षा विभाग में हजारों पद खाली हैं जिन्हें लंबे समय से भरा नहीं जा रहा है इन पदों का चिन्हांकन करके पदों को भरने हेतु विज्ञापन जारी किया जाए।


