आक्रोश: कम्प्यूटर शिक्षकों का अनशन जारी
नीति या रेगुलर पीजीटी के बराबर वेतन कि मांग को लेकर कंप्यूटर शिक्षक सरकार से नाराज चल रहे हैं।
शिक्षा विभाग से सचिवालय तक फाइल मंगवाई जा रही है परन्तु फैसला नहीं किया जा रहा जबकि सरकार के कुछ दिन रह गए है संगठन के प्रेस सचिव राजेश शर्मा,महासचिव अश्वनी शर्मा प्रदेशध्यक्ष हेतराम ठाकुर ने बताया कि हमारा जमकर शोषण हो रहा है और 21-22साल बाद भी सरकार ने सुध नहीं ली है । बताया जा रहा है की
शिक्षक भर्ती नियम पूरा करते है,1341शिक्षक है और इनके समकक्ष पीजीटी पढ़ा रहे इन शिक्षकों से इनका वेतन तीन गुना है और इनकी भर्ती 2014 मे ही है कांग्रेस सरकार मे 1191पद निकाल थे जिस पर कोर्ट ने स्टे लगाया था और इस सरकार ने आजतक उसमे जवाब दाखिल नहीं किया.
*कोर्ट मे क्या स्थिति है*
राजेश का कहना है कि कोर्ट मे इन शिक्षकों को न्याय नहीं,तारीख पर तारीख मिल रही है अब 19-10-22की तारीख लगी है कोर्ट मे सरकार के खिलाफ स्टे लगा है पांच साल मे सरकार ने जवाब नहीं दिया!
जबकि इस सब से परेशान कम्प्यूटर शिक्षकों का वकील भी कोर्ट मे है। राजेश का कहना है कि
1191पदों पर प्रदेश सरकार के खिलाफ 2017 से स्टे लगा है परन्तु आज तक सरकार ने पैरवी नहीं की जबकि कई बार सरकार कोर्ट केस मे जल्दी जल्दी पक्ष रखती है यहाँ सरकारी वकील हाजिर तक नहीं हो रहे। राजेश के मुताबिक लम्बी तारीखे दी जा रही है। शिक्षक भी रेगुलर शिक्षकों की तर्ज पर नीति बनाने की मांग को लेकर कोर्ट मे मे गए है पीजीटी आईपी भर्ती नियमों मे पांच वर्ष की सेवा शर्त कम्प्यूटर शिक्षकों की 2014 मे अवमानना याचिका के बाद तमाम ये बाते लिखकर कोर्ट के रिकॉर्ड मे दी है और इनके लिए पांच साल के अनुभव के साथ भर्ती मे प्राथमिकता देने की बात इसमें लिखी है लेकिन ये प्रोसेस आजतक नहीं हुआ, इसका 2015मे शपथ पत्र (मुख्यन्याधीश को दिया ) देने से पहले जोड़ी है ये शपथ पत्र कोर्ट रिकॉर्ड मे है और तब तक नियम नहीं बदल सकते ज़ब तक नीति या किसी भी तरीके से कम्प्यूटर शिक्षक मुख्यधारा मे नहीं आ जाते

