सीबीएसई से जुड़े 100 स्कूलों का स्वागत, अलग कैडर और अलग परीक्षा का स्कूल प्रवक्ता संघ ने किया विरोध

स्कूल प्रवक्ता संघ की राज्य स्टीयरिंग कमेटी की एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में प्रदेश में 100 स्कूलों की सीबीएसई बोर्ड से संबद्धता का स्वागत करते हुए संघ ने स्पष्ट किया कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के पक्ष में वह हर सकारात्मक पहल का समर्थन करता है, लेकिन सरकार की कुछ प्रस्तावित नीतियों को लेकर गंभीर आपत्तियाँ भी दर्ज कराई गईं।
बैठक में संघ ने शिक्षकों के लिए अलग कैडर बनाए जाने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इससे शिक्षा व्यवस्था में अनावश्यक विभाजन पैदा होगा। साथ ही सीबीएसई स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति के लिए अलग से परीक्षा आयोजित करने के निर्णय पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया गया। संघ का कहना था कि प्रदेश के अध्यापक वर्षों के शिक्षण अनुभव के साथ पहले ही चयन परीक्षाओं की प्रक्रिया से गुजरकर सेवा में आए हैं, ऐसे में उनकी योग्यता पर संदेह करना उचित नहीं है।
संघ ने सभी शिक्षकों के लिए एक समान स्थानांतरण नीति लागू करने की भी पुरजोर मांग की, ताकि किसी विशेष वर्ग या क्षेत्र में जाम की स्थिति न बने और व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके। इसके अतिरिक्त संघ ने सरकार से आग्रह किया कि शिक्षा से जुड़ी किसी भी नीति या ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने से पूर्व सभी शिक्षक संगठनों को विश्वास में लिया जाए, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की असमंजस या असंतोष की स्थिति उत्पन्न न हो।
इस वर्चुअल बैठक में संघ के राज्य अध्यक्ष अजय नेगी, महासचिव इंदर सिंह ठाकुर, मुख्य संरक्षक लोकेंद्र नेगी, मुख्य मार्गदर्शक राजेश सैनी, चेयरमैन सुरेन्द्र पुंडीर, कार्यकारी अध्यक्ष दीप सिंह खन्ना, वाइस चेयरमैन राकेश भारद्वाज, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश व अजय ठाकुर, मुख्य सलाहकार चन्द्र देव ठाकुर, संगठन सचिव रंगीला ठाकुर, वित्त सचिव सुरजीत सिसोदिया, प्रेस सचिव जय राम शर्मा सहित अन्य राज्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में जिला स्तर से कुल्लू से राजपाल ठाकुर, बिलासपुर से नरेश ठाकुर, मंडी से देवेंद्र शर्मा, शिमला से देवेंद्र लाकटू, कांगड़ा से सिकंदर मिन्हास, सोलन से जय लाल जलपायक, सिरमौर से डॉ. ईश्वर दास राही, तथा चंबा से राजेश ठाकुर ने भी भाग लिया और संघ के निर्णयों का समर्थन किया।
स्कूल प्रवक्ता संघ ने उम्मीद जताई कि सरकार शिक्षकों के अनुभव, सम्मान और सुझावों को प्राथमिकता देते हुए शिक्षा हित में विवेकपूर्ण निर्णय लेगी।


