अनुबंध सेवा अवधि को पैंशन के लिए जोड़ा जाए : कुशाल शर्मा ।

हिमाचल प्रदेश नई पेंशन योजना (ओ०पी०एस०) कर्मचारी महासंघ जिला शिमला अध्यक्ष कुशाल शर्मा ने जारी एक बयान में कहा कि अनुबंध सेवाकाल को पेंशन के लिए न गिना जाना ओ.पी.एस. को पूर्णतः लागू किए जाने की राह का आरोड़ा बन रहा है। पेंशन सिर्फ एक वितीय लाभ नहीं , अपितु कर्मचारी को बुढ़ापे में दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा से भी जुड़ा मामला है । अनुबंध काल की गणना न करने से अधिकतर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पुरानी पेंशन के लाभ से वंचित हो जाएंगें।
एन०पी०एस० कर्मचारी महासंघ जिला शिमला अध्यक्ष कुशाल शर्मा सहित महासचिव नारायण सिंह हिमराल वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय क़धारी, महिला विंग अध्यक्षा सुनीता मेहता महासचिव रंजना शेखरी, रमेश सामरा खण्ड प्रधान कमल शर्मा, अशोक मेहता, कंवर शर्मा, दिनेश ठाकुर,दीप राम शर्मा, तोता राम, बेली राम, कुशाल ठाकुर, मनमोहन सिंह पठानीय, चमन शोनटू, मुनी लाल दिनेश गाजटा, बसन्त खनान, राकेश कथलेक, सुरेन्द्र चौहान वीना चौहान सरला बरसंटा ने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन में जिन तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का सबसे अधिक योगदान रहा, उनका अधिकांश सेवाकाल अस्थायी सेवा पर व्यतीत हुआ है। फलस्वरूप माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दैनिक भोगी सेवाकाल के अनुपातिक समय और अनुबंध के पूरे सेवाकाल को पेंशन के लिए गिने जाने के पक्ष में निर्णय दिया है। लिहाजा अब नए अधिनियम को पुरानी तिथि से लागू कर कर्मचारियों को पेंशन विहीन कर देना न्यायसंगत नहीं होगा।
विदित रहे कि माननीय न्यायालयों के निर्णयों के मध्यनजर पुरानी पेंशन लागू होने पर अधिकतर अनुबंध कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन का विकल्प दिया, जिसके कारण सरकार द्वारा नई पेंशन योजना के तहत उन्हें दिया जाने वाला नियोक्ता का शेयर भी बंद कर दिया गया है। लिहाजा अब अनुबंध सेवाकाल को पुरानी पेंशन के लिए न गिने जाने से उन कर्मचारियों को दोहरा नुकसान होगा। इसके अतिरिक्त अधिकांश कर्मचारियों को पुनः न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा और अनावश्यक वित्तीय बोझ सहन करना होगा। साथ ही सेवानिवृत्ति के समय वृद्धावस्था में इन न्यायिक प्रक्रियाओं एवं वित्तीय बोझ से इनका मानसिक उत्पीड़न होने की संभावना बढ़ती जा रही है। जिला शिमला अध्यक्ष कुशाल शर्मा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अनुबंध सेवा शर्तों से संबंधित अधिनियम में संशोधन कर अनुबंध सेवाकाल को पुरानी पेंशन हेतु अवश्य गिना जाए तभी जैसे कि मुख्यमंत्री जी की सोच अनुसार जैसे कि उन्होंने ओ पी एस की अधिसूचना ज़ारी करने से पूर्व कहा था कि उनका प्रयास रहेगा सभी को उनका उचित अधिकार प्रदान किया जाएगा।



