विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CwSN) ने किया संसद भवन का दौरा
मुख्यमंत्री ने एक्सपोजर विजिट पर गए बच्चों को दी शुभकामनाएं, शिक्षा मंत्री ने की वर्चुअल बातचीत

*शिमला*
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (Children with Special Needs – CwSN) के लिए मंगलवार का दिन उनके जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा के नेतृत्व में दिल्ली पहुंचे बच्चों ने देश के लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर — संसद भवन का दौरा किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस विशेष अवसर पर बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि विशेष
आवश्यकता वाले बच्चों को समाज की मुख्यधारा में समान अवसर मिलें। उन्होंने विश्वास जताया कि इस तरह की शैक्षणिक यात्राएं बच्चों के आत्मबल को नई ऊंचाइयां देंगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करेंगी।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिमला से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिल्ली में मौजूद बच्चों से संवाद किया और उनके अनुभवों को जाना। उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर के लिए बच्चों को शुभकामनाएं दीं और समग्र शिक्षा को इस अभिनव पहल के लिए बधाई दी। बच्चों ने संसद भवन के दौरे को ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक अनुभव बताया तथा सरकार और समग्र शिक्षा के प्रति आभार व्यक्त किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह अनुभव बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा और समावेशी शिक्षा की दिशा में एक सशक्त कदम साबित होगा।
दिल्ली पहुंचने के दूसरे दिन बच्चों ने नए संसद भवन का भ्रमण किया। यहां उन्होंने लोकसभा कक्ष, राज्यसभा कक्ष और संसद की भव्य आर्ट गैलरी का अवलोकन किया। यहां की आधुनिक वास्तुकला, तकनीकी विशेषताएं और गरिमामयी वातावरण बच्चों के लिए अत्यंत आकर्षक रहा। इसके साथ ही बच्चों ने पुराने संसद भवन का भी भ्रमण किया, जिसे अब ‘संविधान सदन’ कहा जाता है। यहां उन्हें भारत के संविधान निर्माण, ऐतिहासिक बहसों और स्वतंत्रता संग्राम की महत्त्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी दी गई। लोकसभा सचिवालय के निदेशक राजकुमार ने बच्चों का स्वागत करते हुए उन्हें संसद भवन की कार्यप्रणाली, इतिहास एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने भी बच्चों को संबोधित किया और उन्हें इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
*बच्चों ने इंडिया गेट का दौरा किया*
इस शैक्षणिक भ्रमण के पश्चात बच्चों ने इंडिया गेट का दौरा किया, जहां उन्होंने अमर जवान ज्योति को देखा और शहीदों की स्मृति में बनाए गए इस राष्ट्रीय स्मारक के प्रति सम्मान व्यक्त किया। इंडिया गेट की भव्यता, स्थापत्य सौंदर्य और वहां के वातावरण ने बच्चों को गहराई से प्रभावित किया। बच्चों ने इस अनुभव को “सपने के सच होने जैसा” बताया और कहा कि यह उनकी यादों में हमेशा जीवित रहेगा। कई बच्चों के लिए यह पहला अवसर था, जब उन्होंने इतने भव्य और ऐतिहासिक स्थलों को प्रत्यक्ष रूप से देखा।
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि यह दौरा केवल एक शैक्षणिक यात्रा नहीं बल्कि बच्चों के दृष्टिकोण को व्यापक बनाने का माध्यम है। इस अनुभव ने उनमें नागरिक चेतना, सामाजिक सहभागिता और राष्ट्रीय गौरव की भावना को सुदृढ़ किया है। उन्होंने कहा कि यह एक्सपोजर विजिट बच्चों में नई सोच, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व क्षमताओं के विकास की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उल्लेखनीय है कि समग्र शिक्षा के तहत कुल 110 सदस्यीय दल सोमवार को चंडीगढ़ से दिल्ली पहुंचा था, इसमें 65 विशेष आवश्यकता वाले बच्चे, राज्य समन्वयक प्रतिभा बाली, विशेष शिक्षक तथा अन्य अधिकारी शामिल हैं, यह दल शताब्दी एक्सप्रेस से चंडीगढ़ होते हुए 18 जून को शिमला लौटेगा।


