आयुष चिकित्सा पद्धति के लिए केवल 3700 करोड़ रुपए की बजट असमानता पर गहरा रोष

इन्टरेगेटड मैडीकल एशोसियेशन (आईएमए) आयुस के राज्याध्यक्ष डॉक्टर दिनेश कुमार ने केंद्र सरकार द्वारा एलोपैथी चिकित्सा के लिए एक लाख करोड़ रुपए औरआयुष चिकित्सा पद्धति के लिए केवल 3700 करोड़ रुपए की बजट असमानता पर गहरा रोष व्यक्त किया है और भारतीय चिकित्सा पद्धति के साथ अपने भारत देश मे ही सौतेला व्यवहार करार दिया है जबकि आयुष के अन्तर्गत पांच चिकित्सा पद्धतियां
आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध एवं सोवा रिग्पा के अतिरिक्त होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति भी सम्मिलित है। इस अपर्याप्त बजट के अन्दर आयुष के अन्तर्गत उपरोक्त चिकित्सा पद्धतियों मे अन्वेषण व नवाचार शून्य रहेगा जो भारतीय चिकित्सा पद्धति के उत्तरोत्तर ह्रास का कारण बनेगा। उन्होंने सभी आयुष चिकित्सा पद्धति के संगठनो से एक जुट होकर एक मंच के माध्यम से भारत सरकार के शीर्ष नेतृत्व राष्ट्र पति,प्रधान मन्त्री, वित मन्त्री व आयुष मन्त्री से मिलकर भारतीय चिकित्सा पद्धति के मान सम्मान की बात कर बराबर बजट प्रदान करने की तथ्यों सहित बात करने पर बल दिया और उन्होने कहा कि भारत सरकार भारतीय चिकित्सा पद्धति को राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति के रूप मे मान्यता प्रदान करे तभी अन्य राष्ट्र के देश भी विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति को मुख्य चिकित्सा पद्धति के रूप मे मान्यता देगे और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के टेग से भी मुक्ति मिलेगी ।



