विशेष

चिंता: जंगलो से अंधाधुंध व अवैधानिक तरीके से जड़ी बूटियों का हो रहा दोहन

अवैज्ञानिक तरीके से जडी बूटियों का जंगलो से दोहन प्राकृतिक संपदा के लिए गंभीर खतरा – डॉक्टर दिनेश कुमार

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व मीडिया को-ओरडीनेटर/ पैनेलिस्ट व पूर्व नोडल आफिसर राज्य मैडीसिनल प्लांटस बोर्ड डॉक्टर दिनेश कुमार ने प्रदेश के जंगलो से अंधाधुंध व अवैधानिक तरीके से जड़ी बूटियों के दोहन पर गहन चिंता प्रकट करते हुए प्रदेश सरकार व वन विभाग को चेताया है कि प्राकृतिक संपदा की रक्षा के लिए समयानुसार नई संशोधित नीति बनाए अन्यथा अमूल्य वन संपदा जंगल से लुप्त हो जाऐगी जिनका उपयोग फार्मेसियो मे कई प्रकार के औषधीय निर्माण मे किया जाता है।

WhatsApp Image 2025-01-28 at 11.47.31 AM
WhatsApp Image 2025-01-28 at 11.47.29 AM
WhatsApp Image 2025-01-28 at 11.47.30 AM

दिन प्रतिदिन जंगली जड़ी बूटियो की मांग बढ़ने के कारण उन्होंने जंगल के नजदीक और जंगल के अन्दर खाली स्थान पर भी इन विलुप्त हो रही जंगली जड़ी बूटियों को स्थानीय लोगो द्वारा सामूहिक खेती के द्वारा प्रोत्साहन राशि प्रदान कर लगाने पर बल दिया जिससे जहां स्थानीय रोज़गार के अवसर बड़ेगे वही जंगल मे अवैध कटान व जंगली जड़ी बूटियों के दोहन पर भी रोक लगेगी । इसी के साथ बंजर और जंगली जानवरो के उत्पात के कारण खाली पड़ी जमीन पर भी स्थानीय जड़ी बूटियों को बैज्ञानिक तरीके से उगाने के लिए प्रदेश के किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए जिसके लिए सरकार को गम्भीरता से सभी सम्बंधित विभागो को फील्ड मे कार्य करने के लिए निश्चित टार्गेट देकर समीक्षा करे । जहां उन्होंने ने प्रदेश सरकार की केबिनेट द्वारा कशमल की जड़ो को निकालने के लिए समय सीमा 15 फरबरी तक बढ़ाने के कदम को किसान हित मे बताया वही वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त निगरानी मे इस कदम पर बैज्ञानिक तरीके से कार्य करने की बात कही ताकि कशमल प्रजाति के साथ साथ अन्य वन संपदा का संरक्षण भी बना रहे।

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close