वो अकेली है पर यदि किसी को उनकी जरूरत है तो वह उसके साथ हमेशा खड़ी है। ये मिसाल बनी है शिमला की बिमला ठाकुर।
बिमला ठाकुर शिमला शहर की निवासी है । उन्हें अपने जीवन काल में ढेर सारी कठिनाईयो का सामना करना पड़ा । एक समय आया जब उन्हें अपनी दो वर्ष की बिटिया के साथ अकेले रह कर जीवन के संघर्ष के साथ जूझना पड़ा।
। ऐसी घोर भीष्म परिस्थिति में भी बिमला ठाकुर ने हिम्मत नहीं हारी और जीवन यापन के लिए जीवन बीमा निगम के एजेंट के रूप में कार्य करके अपने दम पर ही उन्होंने एकल अभिभावक के रूप में अपनी बिटिया की परवरिश की और उसे एक सरकारी नौकरी के योग्य बनाया । साथ ही निरंतर समाज सेवा में जुड़ी रही । कॉलेज के समय से ही वे समाज सेवा में सक्रीय भूमिकानिभा रही है ।
वो एक चर्चित मोटीवेटर है और बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं । उनके नेतृत्व में कई सशक्तिकरण आयोजन में शिमला के अलावा राज्य के दूसरे शहर और गांव में भी होते हैं । कई मोर्चो पर एक साथ जिम्मेदारी से काम कर रही बिमला ठाकुर सशक्त् एकल नारी हैं । वे बेहद समवेदन्शील् और बुद्धिजीवी भी है । उनको अभी एक संस्था जिसका नाम बीइंग वूमेन उन्हें स्वयंसिद्धा सृजन सम्मान से सम्मानित किया ।
संक्षिप्त परिचय।
बिमला ठाकुर
पिता का नाम। – स्व. सायरू राम ठाकुर।
जन्म – शिमला।
शिक्षा – स्नातक।
अध्यक्ष – कनेक्टिंग लाईवस।
व्यवसाय – एल आई सी एवं वित्तीय परामर्शदाता
अनुभव – विपणन ( marketing ) के क्षेत्र में 25 साल का अनुभव ।
कॉलेज में रहते पढ़ाई के साथ साथ एन सी सी , एवं हॉकी खेल में भी भाग लिया ।
कनेैक्टिंग लाईवस पिछले 5 सालो में एकल महिलाओं के उथान के लिया पूरी तरह से समर्पित रह कर काम कर रही है और 250 महिलाएं संस्था के साथ जुड़ी ।
अध्यक्ष होने के फलस्वरुप पिछले 5 वर्षो मे एकल महिलाओंं के उथान के संस्था ने निम्नलिखित कार्य किये –
1. वृद्ध / बीमार मरीज की देखभाल में 25 महिलाओंं को बेसिक नर्सिंग का प्रशिक्षण दिया
2. नशा मुक्ति अभियान कार्यशाला का आयोजन किया ।
3. एकल महिलाओं के बच्चों की पढ़ाई की आर्थिक सहायता दी।
4. एकल और आर्थिक रूप से कमज़ोर महिलाओं को निशुल्क दवाई और आर्थिक मदद ।
5. प्रति माह दस परिवारों को राशन और भविष्य में संस्था के तहत एकल महिलाओं के लिए घर बनाना , जहाँ एक छत के नीचे सभी मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा सके

