सम्पादकीय

असर संपादकीय: मैं हिंदी हूं………..मैं हिंदी हूं ,

No Slide Found In Slider.

मैं हिंदी हूं………..मैं हिंदी हूं ,

No Slide Found In Slider.

मैं हिंदी हूं, भारती

मैं हिंदुस्तान की सारथी

रहना देश के संग मुझे

लगा लो अपने अंग मुझे

चाहे उतारो ना मेरी आरती

मैं हिंदी हूं.. मैं हिंदी हूं, भारती

 

मैं सौम्य हूं कठोर नहीं,

मैं शक्ति हूं कमजोर नहीं

मैं देश की शान हूं

मैं सैनिक की आन हूं

मैं कभी नहीं हारती

मैं हिंदी हूं….मैं हिंदी हूं भारती

 

पराया ना समझो मुझे

अंग्रेजी में ना बांधो मुझे

मैं विद्वानों की जुबान है

हर भारती का अरमान हूं

मैं बड़े चाव से निहारती

मैं हिंदी हूं, मैं हिंदी हूं भारती

 

मैं आजादी की चंगारी थी

मैं तीर और तलवार थी

आज अपनी को पुकारती

मैं हिंदी हूं मैं हिंदी हूं भारती

 

मैं कवियों की परछाई हूं

No Slide Found In Slider.

मैं समंदर की गहराई हूं

मैं परिंदों का शोर हूं

मैं अपने घर में और हूं

अपनी बोलियों को संवारती

मैं हिंदी हूं मैं हिंदी हूं भारती

 

सबको जोड़ना काम मेरा

एकता है नाम मेरा

मैं गीत देश के गाती हूं

मैं राष्ट्रगीत सुनाती हूं

सबको शीश झुकाती हूं

मैं हिंदी हूं मैं हिंदी हूं भारती

 

अब तो आंखे खोल दो

अब तो कुछ तुम बोल दो

राजभाषा चीख चीख कर

आज ये पुकारती

मैं हिंदी हूं मैं हिंदी हूं भारती

 

एक दिन मिट जाऊंगी

मैं याद बहुत फिर आऊंगी समझो, अनुरोध मेरा था

या कोई शिकायत मेरी थी

नहीं चाहिए मुझे ऐसी

जिंदगी उधार की

मैं हिंदी हूं मैं हिंदी हूं भारती

मैं हिंदुस्तान की सारथी

मैं हिंदी हूं …मैं हिंदी हूं भारती जय हिन्द जय हिंदी (प्रेम सागर)

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close