
आउटसोर्स महासंघ की सरकार को दो टूक: अब और शोषण नहीं सहेंगे
आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ की ओर से जारी प्रेस नोट में संगठन के अध्यक्ष कमल चौहान और महासचिव धर्मेंद्र शर्मा ने कहा है कि पिछले 15 से 20 वर्षों से आउटसोर्स कर्मचारी शोषण का शिकार हो रहे हैं, लेकिन सरकार इनकी सुध नहीं ले रही है।
संगठन ने आरोप लगाया है कि सत्ता में आने से पहले राजनीतिक दल इनके लिए स्थायित्व नीति की बात तो करते हैं, लेकिन सत्ता में आते ही मुंह फेर लेते हैं। महासंघ ने कहा है कि अब मुख्यमंत्री साहब कुछ कार्यालय शिमला से दूसरी जिला में स्थानांतरित कर रहे हैं, उसमें सबसे पहले आउटसोर्स कर्मचारियों को शिमला में एडजस्ट करें, उसके बाद टूरिज्म विभाग और मिल्कफेड को दूसरे जिला में ट्रांसफर करें।
आउटसोर्स में लगे हमारे कर्मचारी साथी जो मिल्कफेड में लगे हैं, संगठन उनके साथ मजबूती से खड़ा है और उनके हितों के लिए कोई भी कदम उठाने से गुरेज नहीं करेगा। साथ ही महासंघ ने सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट विभाग में चंबा जिला में कुछ साथियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, संगठन ने कहा है कि किसी भी कर्मचारी को बाहर नहीं निकाला जाए और शोषण से आउटसोर्स कर्मचारियों को मुक्ति दिलाई जाए।
अब आउटसोर्स कर्मचारियों में रोष बढ़ रहा है, 11000 में एक कर्मचारी अपने परिवार का पालन-पोषण कैसे करेगा। वहीं दूसरी तरफ महासंघ ने कृषि निदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि आउटसोर्स पर लगे डेटा एंट्री ऑपरेटर कृषि विभाग के जिनकी सैलरी पिछले 3 महीने से नहीं आई है, उनकी सैलरी को 10 दिनों के भीतर रिलीज करें, नहीं तो महासंघ हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ कृषि निदेशालय के प्रांगण में धरना-प्रदर्शन करेगा, जिसकी जिम्मेदारी कृषि निदेशक की होगी।

