विशेषसंस्कृति

खास खबर: साहित्यिक यात्रा के रंगों में रंगेंगे चालिस लेखक

हिमालय साहित्य मंच का राष्ट्रीय आयोजन

 

 

 

कालका-शिमला धरोहर रेल में चतुर्थ भलखू स्मृति साहित्यिक यात्राः 40 लेखक लेंगे भाग। देश के विभिन्न शहरों से 13 लेखक भी होंगे शामिल।

 

विश्व धरोहर के रूप में विख्यात शिमला-कालका रेल में हिमालय साहित्य, संस्कृति एवं पर्यावरण मंच द्वारा 13 और 14 अगस्त को चतुर्थ भलखू स्मृति साहित्यिक यात्रा का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है जिसमें कुल 40 लेखक भाग लेंगे जिनमें देश भर से 13 लेखक भी शामिल हो रहे हैं। चलती रेल में देश का यह पहला ऐसा अनूठा आयोजन है जिसमें स्टेशनों के नाम से कहानी, संस्मरण, कविता और संगीत के सत्र तय होते हैं।

 13 अगस्त को यह यात्रा शिमला रेलवे स्टेशन से प्रातः 10.40 बजे चलेगी और बड़ोग में 1.40 पर पहुंचेगी। दोपहर के भोजन के बाद लेखक दूसरी रेल से 2.17 बजे शिमला के लिए चलेंगे जिसमें भी कई साहित्यिक गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। शिमला स्टेशन पर यात्रा सांय 5.30 बजे पहुंचेगी। यह जानकारी प्रख्यात लेखक और हिमालय मंत्र के अध्यक्ष तथा इस यात्रा के संयोजक एस.आर.हरनोट ने शिमला में आज मीडिया को दी।

WhatsApp Image 2025-08-08 at 2.49.37 PM

 

हरनोट ने बताया कि इस बार यह राष्ट्रीय संगोष्ठी दो दिनों की है। 14 अगस्त को लेखक भलखू के पुश्तैनी गांव झाझा उनके घर देखने जाएंगे जो चायल से 8 किलोमीटर दूर हैं। गांव में लेखक पंचायत और स्थानीय लोगों के साथ भी साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन करेंगे तथा भलखु के परिजनों से मुलाकात करेंगे। बाबा भलखु ने जहां अपनी विलक्षण और दिव्य प्रतिभा से ब्रिटिश शासनकाल में हिन्दुस्तान तिब्बत रोड़ के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई वहीं यह सर्वमान्य है कि उनकी सलाह और सवेक्षण के कारण ही अंग्रेज इंजीनियर शिमला कालका रेलवे लाइन के निर्माण में सफल हो पाए थे. शिमला के समीप भलखू की याद में आज भी ‘भलखू रोड़‘ इसका उदाहरण हैं। यात्रा में लेखकों के मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आदित्य शर्मा, उप निदेशक, कालका शिमला उत्तरी रेलवे, अमर सिंह ठाकुर, मुख्य वाणिल्य निरीक्षक, जोगिन्द्र सिंह वोहरा, स्टेशन अधीक्षक और संजय गेरा, स्टेशन अधीक्षक उपस्थित रहेंगे।

 

एस.आर.हरनोट ने इस यात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि यह यात्रा दुलर्भ प्रतिभा के धनी रहे मजदूर बाबा भलखू के सम्मान और स्मरण के बहाने हिमाचल के उन तमाम कामगरों को समर्पित रहती है जिन्होंने हिमाचल के दुर्गम इलाकों में अपने हाथों काम करके सड़कें, बिजली और दूसरी सुविधाएं पहुंचाई है और बहुत से कामगरों ने अपनी जानें कुर्बान कर दी हैं। साथ ही यह यात्रा आपसी भाईचारे, सहयोग, सम सामायिक विषयों पर संवाद और पर्यावरण जागरूकता की भी है।

 

हिमालय मंच के लेखक सदस्यों, संस्कृत कर्मियों, साहित्य प्रेमियों के अतिरिक्त जो लेखक बाहर से इस आयोजन में भाग ले रहे हैं उनमें दिल्ली से प्रख्यात साहित्यकार मदन कश्यप, मलिक राजकुमार, आजकल के संपादक साहित्यकार राकेशरेणु, रामकिशन शर्मा, जानेमाने रंगकर्मी और लेखक नीलेश कुलकर्णी, चित्रकार सरिता कुलकर्णी, चंडीगढ़ से जानीमानी संगीतज्ञ और लेखिका सुनैनी शर्मा, भोपाल से राजुरकर राज, घनश्याम मैथिल, सुभाष अग्रवाल, शशि श्रीवास्तव, अमृतसर से लखविन्द्र सिंह, लखनऊ से मनोज मंजुल और चंबा से जगजीत आजाद पहली बार इस यात्रा में शामिल होंगे। ये सारे आयोजन लेखक आपसी सहयोग से करेंगें।

 

 

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close