EXCLUSIVE: स्मार्ट सिटी शिमला को आग से बचाने पर बड़ा सवाल” भाग एक”
यह कैसे वॉटर हाइड्रेंट? पूरी कोशिश करने के बाद भी फायर कर्मचारियों के क्यों हाथ खड़े?
स्मार्ट सिटी शिमला में ये कैसे वाटर हाईड्रेंट लगाए गए है की जब आग की घटना होती है तो उसे खोला ही नहीं जाता। इस बाबत असर न्यूज ने पड़ताल की तो इन उपकरणों के लगाने की जिम्मेदारी एमसी के तहत निकली। बहरहाल
इससे बड़ी हैरानी और क्या सकती थी की शिमला एमसी के तहत ये उपकरण लगाए गए थे लेकिन इसमें आग बुझाने वाले कर्मचारियों के उपकरण सैट ही नहीं हो पाएंगे ये समझ क्या एमसी को नहीं थी?
अब जिससे आग की घटना को काबू पाना काफी मुश्किल होता है। इन उपकरणों की सेटिंग नहीं काफी लंबा समय लग जाता है तब तक आग काफी फैल जाती है।
जानकारी के मुताबिक शिमला में जो पुराने हाइड्रेंट लगे थे उसमें तो उपकरण सही तरीके से फिक्स हो जाते हैं लेकिन अब शिमला में ऐसी चुनिंदा ही उपकरण है जिसमें फायर ऑफिसर के उपकरण वाटर हाइड्रेंट में लग जाए जिससे पानी की सप्लाई एकदम उस स्थान पर हो पाए जहां पर आग लगी है। अब इस तरह की मुश्किलों को आए दिन फायर ऑफिसर झेल रहे हैं। आज कल शिमला में काफी आग की घटनाएं हो रही है जिसमें आसपास के जंगल ही नहीं बल्कि घरों में भी आती घटनाएं सामने आ रही है लेकिन वाटर हाइड्रेंट के अजीब तरीके से सेट करने के कारण ये दिक्कत ऑफिसर झेल रहे हैं।
फिलहाल अभी ईसे लेकर एमसी प्रशासन को भी सतर्क होना होगा कि इस तरीके से वाटर हाइड्रेंट लगाए जाए जिससे उनका उपकरण आसानी से घूमकर वाटर हाइड्रेंट पर लगे और आसानी से पानी की सप्लाई पाइप्स के माध्यम से उक्त स्थान पर हो जाए।
गौर हो कि जब पानी की सप्लाई ही सही तरीके से नहीं हो पाएगी तो आग कैसे बुझ पाएगी। वाटर हाइड्रेंट लगाने के समय साथ लगती पथरों की चिनाई सही तरीके से की जाय तो फायर कर्मचारियों का उपकरण आसानी से घूम पाए। और पानी की निकासी सही तरीके से हो पाए।




