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असर विशेष: कोढ़ होने पर गांव वालों ने निकाला , बना डाला अछूत

जाने लालचंद की कहानी ...

 

किन्नौर में रहने वाले लालचंद को कोढ़ होने के कारण उनके गांव वालों ने घर से बेघर कर दिया ,तथा उन्हें दयनीय हालत में अपने से दूर कर दिया ।इस स्थिति में उन्हें अपने जीवन यापन करने के लिए बड़े संघर्ष का सामना करना पड़ता है|

 

लालचंद एक कुष्ठ रोगी है जिसकी वजह से उनके गांव वालों ने उन्हें अछूत समझते हुए घर से बेघर कर दिया लालचंद का कहना है, कि इस बीमारी के चलते उन्हें उनके वैवाहिक जीवन में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा उनकी धर्मपत्नी उन्हें छोड़ कर चली गई उसके बाद लालचंद धर्मपुर जा कर अपना इलाज करवा रहे थे.वही उन्हें अपनी दूसरी जीवन साथी मिली जो कि स्वयं भी एक कुष्ठ रोगी है|

 

लालचंद का कहना है कि इस बीमारी के चलते उन्हें काफी कुछ सहन करना पड़ा है।. उन्हें अपने परिवार से दूर रहना पड़ा है उन्हें अपना पारिवारिक जीवन त्यागना पड़ा|

लालचंद तथा उनकी बीवी कुष्ठ कॉलोनी में रहते है .यह वह क्लोनी है जहां पर इस प्रकार के सारे रोगी रहते हैं|

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यह कुष्ठ कलानी स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने बनाई थी।लालचंद का कहना है कि यह रोग छूत का रोग नहीं है यहां रोग छूने से नहीं फैलता है, इस तरह के रोगी को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है|

इस प्रकार के रोगी को अपने परिवार का साथ बहुत आवश्यक होता है इस तरह के रोगी को भावनात्मक तथा शारीरिक तौर पर अपने परिवार के साथ की आवश्यकता होती है|

लालचंद हमें यह संदेश देते है की कुष्ठ रोगी को अछूत ना माना जाए तथा उनके साथ भेदभाव ना किया जाए कुष्ठ रोगी की तकलीफ को समझते हुए उनका इलाज करवाया जाए |

लालचंद का हौसला हमें जीवन को एक नई दिशा देने के लिए प्रेरित करता है।लालचंद एक कुष्ठ रोगी होने के बावजूद भी काफी दृढ़ निश्चय इंसान है|

लालचंद कहते हैं कि वह अपने परिवार को कष्ट से मुक्त करने के लिए अपने परिवार को छोड़कर उनसे अलग रहते हैं तथा उन्हें किसी भी प्रकार का कोई कष्ट नहीं देते हैं … वह

कहते है की सरकार को कुष्ठ कालोनी की भी सुध बुध लेनी चाहिए।

 

असर टीम से पूजा की रिपोर्ट ,।।

Deepika Sharma

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