सम्पादकीय

असर संपादकीय: आपकी खूबसूरती को मैं कैसे बयां करूं

प्रेम सागर की कलम से..

सब इंस्पेक्टर आईटीबीपी प्रेम सागर

आपकी खूबसूरती को मैं कैसे बयां करूं।

 आपकी खूबसूरती को

मैं कैसे बयां करूं

 तुम्हें चांद , तारा 

या कोई नाजुक सा फूल कहूं 

आप की खूबसूरती को मैं कैसे बयां करूं 

तुम बहती निर्मल सरिता हो 

या कोई शीतल पवन कहूं 

तुम हो हरी-भरी वसुंधरा

 या कोई नील गगन कहूं 

आप की खूबसूरती को मैं कैसे बयां करूं

 तुम्हें आजाद उड़ता बादल कहूं

WhatsApp Image 2025-08-08 at 2.49.37 PM

 या सागर का कोई भंवर कहूं 

तुम हो झीलों की महारानी 

 या कोई शांत सरोवर कहूं 

आप की खूबसूरती को मैं कैसे बयां करूं 

तुम कवियों की कोई कल्पना हो 

या कोई प्रेम ग्रंथ कहूं 

तुम खूबसूरत हो किसी कविता से भी

 या किसी शायर की गजल कहूं 

आप की खूबसूरती को मैं कैसे बयान करुं 

आपकी खूबसूरती को मैं कैसे बयान करुं तु

म इस जहान में खूबसूरत हो

 इससे ज्यादा और मैं क्या कहूं 

इस से ज्यादा और मैं क्या कहूं ।। प्रेम से

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close