शिक्षा

खास खबर: 2015 के छात्रों का हिमाचल सरकार के नाम खुला पत्र

छात्र कर रहे समस्या के समाधान की मांग

 

 2015 रूसा शिक्षा प्रणाली का खंडन करते हुए छात्रों की यह मांग है कि 2015 रूसा प्रणाली में आवश्यक सुधार अनिवार्य है।

ताकि 2015 के सभी छात्र वर्गों की समस्याओं का पूर्णतः निवारण किया जा सके। छात्रों के लिए राहत की उम्मीद उस समय प्रकाशित हुई जब छात्रों ने 7 मार्च 2022 को शिमला के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट चक्कर में असेसमेंट पोर्टल पे लगे स्टे के खिलाफ अपनी याचिका दर्ज करवाई।

 

परिणाम स्वरूप वकील MS नेगी जी ने RTI ACT 2005 के तहत एक हफ्ते की समय अवधि में ही सच का पता लगाया। छात्रों के लिए राहत की खबर यह है, कि हाईकोर्ट की तरफ से असेसमेंट पोर्टल पर किसी भी प्रकार का कोई स्टे था ही नहीं। यह एचपीयू की कार्यकारी परिषद् द्वारा पारित प्रस्ताव है।

 

ध्यान देने योग्य बात यह है कि विश्वविद्यालय अधिकारियों ने हाईकोर्ट के नाम पर छात्रों से कहा झूठ 

छात्रों में जहां एक तरफ रोश की स्थिति है वहीं दूसरी तरफ वह प्रशासन से न्याय की भी मांग कर रहे हैं। क्योंकि कहीं न कहीं समानता के अधिकार के नियम का भी उल्लंघन हुआ है।

 

2015 के छात्रों के साथ अन्याय हुआ है। छात्रों ने 2015 के उन सभी अनुतीर्ण विद्यार्थीयों के हित को ध्यान में रखते हुए विशवविद्यालय इकाई को अब एक मैत्रीपूर्ण प्रस्ताव पेश करने जा रहे है।

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उम्मीद है कि प्रशासन भी इसमें छात्रों का सहयोग करेंगे । क्योंकि विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद् इकाई इस समस्या का समाधान करने में स्वयं को असमर्थ महसूस कर रही हैं।

उचित व्यवस्थित करण न होने के कारण छात्रों की लिखित याचिका पर EC की मीटिंग जो कि 22 फरवरी 2022 को हुई थी कोई निर्णय न ले पाई। छात्रों के भविष्य के साथ जानबूझकर खिलवाड़ किया जा रहा है ।

 

छात्रों की मांगे इस प्रकार है:- 

1) सभी छात्रों बीए /बीएससी/ बीकॉम/ बीबीए/ बीसीए/ को इसी वर्ष 2022 में ही ऑड और इवन विषयों की परीक्षा देने का अवसर शीघ्र प्राप्त हो।

 

2) परीक्षा शुल्क घटाया जाए सभी छात्र बेरोजगार हैं Ba /B.Sc/ B.Com/ 5000/- एवं BBA/BCA 20000/- सेमेस्टर पूर्णतः अनुचित फीस शुल्क है।

 

3)असेसमेंट पोर्टल जल्द से जल्द ओपन करे एसेसमेंट चढ़ाने की प्रक्रिया शीघ्र आरंभ करें।

 

4) कुछ विद्यार्थी 1,2 नंबरों से परीक्षा में असफल है सभी छात्रों के लिए ग्रेस मार्क्स का प्रावधान भी निकाला जाए । (न्यूनतम सीमा 5 अंक और अधिकतम 7 अंक) 

 

परिवर्तन संसार का नियम है ।

अधिनियमों में भी समय-समय पर लोकहित के अनुसार संशोधन किया जा रहा है और किया जाएगा। तो उम्मीद करते हैं कि 2015 रुसा शिक्षा प्रणाली में भी महत्वपूर्ण सुधार कर विश्वविद्यालय अपनी गलती सुधारें।

Deepika Sharma

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