
सर्दियों का मौसम यानी बर्फ और ठंड का मौसम।सर्दियों के मौसम में खासी जुखाम वायरल जैसी बीमारियों का होना आम बात है|परंतु करोनाकाल में इन सभी लक्ष्णों को करोना जैसी खतरनाक बीमारी का संकेत कहा गया है। लेकिन शिमला में ठंड के प्रकोप से बच्चों के विभाग का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है ये मामले बच्चों के सर्दी जुखाम के हैं। हर दिन अस्पतालों में 200 से अधिक मरीज बच्चे इलाज करवाने आ रहे हैं।
करोना जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी से कोई भी व्यक्ति अनजान नहीं है। करोना की तीसरी लहर शुरू हो चुकी हैै |जिसमें बच्चों के मामले भी आने लगे हैं
तथा इसी दौरान बच्चों में आए दिन खांसी जुखाम तथा वायरल जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं।बच्चों में काफी संख्या में खांसी बुखार के मरीज आईजीएमसी तथा रिपन अस्पताल में आ रहे हैं| आईजीएमसी तथा रिपन में 1 दिन में खांसी तथा बुखार के 200 मामले दर्ज किए जा रहे हैं|
बच्चों में यह बीमारी बहुत तेजी से फैलती जा रही है क्योंकि बच्चे खुद से अपना ध्यान नहीं रख पाते;इसी कारण बच्चों में खांसी बुखार बहुत तेजी से हो जाता है ।
रिपन अस्पताल में कार्यरत चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर राजेश राणा का कहना है कि
माता-पिता को अपने बच्चों का रखरखाव बहुत अच्छे से करना होगा।
खांसी बुखार से बचने के उपाय
• घर में साफ सफाई बनाए रखें
. गर्म पानी का सेवन करें
.बच्चों को ठंड ना लगने दे उन्हें गर्म कपड़े पहनाए.
.ठंडे पेय पदार्थों का सेवन ना करें.
.बच्चों को बाहर की चीजें ना खिलाएं बच्चों को पोस्टिक आहार दे.
बच्चों के कमरे में गंदगी ना रहने दे यदि बच्चे में सर्दी के लक्षण दिखे तो उन्हें तुरंत पेरासिटामोल दवाई का सेवन करवाएं .
तथा उसके बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें|
यदि हमें अपने भविष्य को करोना काल से मुक्त रखना है तो इन सभी बातों का ध्यान रखना होगा|
हमें अपने आसपास साफ स्वच्छ वातावरण बनाना होगा|
असर टीम से पूजा की रिपोर्ट



