असर इंपैक्ट: बाल गृह मामले पर जांच के आदेश
डीसीपीओ की टीम गई मौके पर, असर न्यूज़ ने उठाया था मामला

हिमाचल में बच्चों के एक सरकारी बाल गृह की शिकायत को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग और सीडब्ल्यूसी द्वारा जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। गौर हो कि असर न्यूज़ द्वारा यह मामला प्रकाश में लाया गया है जिस पर तुरंत कार्रवाई अमल में की गई है
जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पॉल और सीडब्ल्यूसी ने यह आदेश जारी किए कि संबंधित मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी । वही भविष्य में ऐसा ना हो उस पर भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
वहीं डीसीपीओ को संबंधित आश्रम में जांच करने के आदेश दिए हैं । आज टीम मौके पर गई है। गौर हो कि एक माता ने संबंधित आश्रम की शिकायत की है जिसमें शिकायत की गई है कि छोटे बच्चों से आश्रम में खाना बनाने का काम करवाया जा रहा है।
इसकी जांच की मांग माता ने की थी। जिस पर संबंधित प्रशासन द्वारा तुरंत कार्रवाई अमल में लाई गई है। हिमाचल के इस उक्त आश्रम का नाम बच्चों का नाम, बच्चों का लिंग और माता का नाम गुप्त रखा जा रहा है।
बात का खुलासा तब हुआ जब बच्चा अपने परिवार से मिलने घर आया। माता का कहना है कि पहले वह अवकाश के बाद वापिस आश्रम जाने के लिए खुश रहता था, लेकिन पिछले कुछ समय से जब वह अवकाश के दौरान घर आए तो बच्चा वापिस आश्रम जाने के लिए रोने बिलखने लग गया।
प्राइमरी कक्षा का यह बच्चा यह बोलने लगा कि उन्हें आश्रम में काम करवाया जाता है और बहुत डांट लगाई जाती है ।
इस तरह करवाते है काम
आटा गीला रह गया तो खाना कम देने की करते हैं बात
बच्चे ने अपनी माता को शिकायत की है कि कई बार उनसे आटा गूंथने के लिए कहा जाता है यदि आटा गीला रह गया तो संबंधित कर्मचारी चिल्ला कर कहते हैं कि यदि सही से काम नहीं हुआ तो खाना कम मिलेगा । बच्चों से बर्तन भी धुलवाए जाते हैं ।यह शिकायत भी माता ने अपने शिकायत पत्र में लिखी है।
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अपने परिवार से क्यों बता रहे आश्रम की बातें?
शिकायत में ये भी सामने आ रहा है कि यदि बच्चा अपने परिवार से आश्रम की बात करता है तो उससे साफ कहा जाता है कि वह आश्रम की बातें घर पर क्यों बताते हैं। संबंधित कर्मचारी बच्चों को डरा कर यह कहते हैं कि यदि आश्रम की बातें अपने परिवार से बताई तो यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा।
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सतर्क प्रशासन
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गंभीरता जाहिर की गई है और उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में ऐसी शिकायत भी ना आए और ऐसी घटना भी दोबारा सामने नहीं आए। इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएंजिसके लिए आगामी जरूरी दिशा निर्देश जारी किए जाने हैं




