
शिवरात्रि का त्यौहार हिमाचल में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया लेकिन इस बीच कुछ ऐसे लोगों को भी अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े जिन्होंने भांग का कुछ ज्यादा ही प्रयोग कर दिया था। इस बारे में शिमला के अस्पतालों से संपर्क किया गया तो सरकारी और निजी अस्पतालों में लगभग सात केस ऐसे रहे जिन पर भांग भारी पड़ गई। आईजीएमसी के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर प्रवीण भाटिया का कहना है कि भांग भी नशे का एक रूप है इसके प्रयोग से मानसिक क्षमता पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है ।कुछ लोगों ने इसका शिवरात्रि में अत्याधिक प्रयोग किया और उन्हें अस्पताल आना पड़ा है ।उधर मरीजों ने डॉक्टरों से फोन पर संपर्क भी किया है।

मरीजों को उचित काउंसलिंग भी की जाती है और उन्हें दवा भी दी जाती है। डॉक्टर भाटिया का कहना है कि शिवरात्रि के इस पर्व में इस तरीके के नशे का प्रयोग गलत है। भगवान कभी भी यह नहीं कहते कि भक्त नशे का प्रयोग करें। यह एक गलत धारणा है की शिव जी की बूटी भांग है और प्रसाद भी। इसके प्रयोग से कई बार शरीर के कुछ अंग पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ सकता है। बहरहाल गौर हो की बीते गुरुवार को शिवरात्रि के त्यौहार में भांग के प्रयोग करने में पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी शामिल थी जिसमें चार महिलाएं ऐसी बताई जा रही हैं जिन्होंने भांग का अधिक प्रयोग किया और स्वास्थ्य खराब होने की वजह से उन्हें डॉक्टर से बाद में संपर्क करना पड़ा।



