असर विशेष: अलर्ट: अस्थमा या सांस की अन्य बीमारी वालों को दिवाली पर दोहरा खतरा
प्रदूषण से बढ़ सकती है मुसीबत...

दिवाली खुशियों का त्योहार है। बड़ी धूम-धाम से इसे मनाया जाता है। लेकिन लगातार बढ़ते प्रदूषण से अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिन्हें वायु प्रदूषण और अलग-अलग प्रकार के धुएं से एलर्जी और सांस संबंधी समस्या का खतरा अधिक रहता है।
दिवाली पर पटाखे चलाने पर रोक के बावजूद भी लोग खूब पटाखे चलाते हैं। इन पटाखों से हवा में ऐसा जहर पैदा होता है जिस से बचना मुश्किल ही नहीं परंतु कई बार नामुमकिन भी हो जाता है खासकर अस्थमा के मरीजों के लिए पटाखे के धुयें से मुसीबत बढ़ जाती है।जिसके कारण दिवाली खत्म होते ही हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग और चेस्ट एंड टीवी विभाग में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है।
इसके अलावा स्किन विभाग में भी दिवाली के दूसरे दिन ही जलने के मामलों की संख्या भी बढ़ जाती है। ओपीडी जहां तक 50-60 लोगों की रहती है वही उसकी संख्या एकदम से बढ़कर 100 हो जाती हैं। और 100 में से कम से कम 10 से 20% लोगों को दोबारा से सांस संबंधित दिक्कत हो जाती है।
डॉक्टरस का मानना है कि ”अगर हम अब भी नहीं सतर्क हुए और प्रदूषण ऐसे ही बढ़ता रहा तो अगले 15-20 साल में छोटी उम्र में ही फेफड़ों के कैंसर के मामले सामने आने लगेंगे”।
असर टीम से भारती…



