असर विशेष: मिलिए महिला डाकिया से, जिन्होंने कोरोना के समय में भी घर-घर तक पहुंचाई दवाईयाँ.
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष

डाक विभाग,जो गर्मी-सर्दी व बरसात में भी देश- विदेश में बैठे अपनों के पैगाम व पार्सल आप तक निश्चित समय पर पहुंचाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। कोरोना महामारी के दौर में पोस्टमैन को कोरोना योद्धा की संज्ञा दी जाए तो गलत नहीं होगा। जिससे महिला डाकिया भी शामिल हैं। जिसमें उषा ठाकुर जो कि पिछले साढे 5 सालों से और अनीता शर्मा जो कि पिछले 2 सालों से शिमला GPO में पत्रवाहक के पद पर कार्यरत हैं। इनका कहना है कि इन्होंने कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर अस्पतालों तक बिना डरे थैले में चिट्ठियों के साथ-साथ रुपये, दवाइयां, मास्क, पीपीई किट सहित अन्य मेडिकल उपकरण जरूरतमंद लोगों तक उपलब्ध कराए।
असर न्यूज से खास बातचीत में…..…….
उषा ठाकुर और अनीता शर्मा का कहना है कि यह घर से सुबह 10-12 किलोमीटर दूर पैदल चलकर लोगों के घरों तक दवाइयां पहुंचाती थी। इस दौरान इन्हें बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। उन्हें पूरा दिन ना कहीं खाना ना पानी मिलता था वह घर से ही अपने साथ में पानी की बोतल लेकर चलती थी। पूरा दिन पैदल चलकर वह लोगों के घर-घर तक दवाइयां, पेंशन इत्यादि पहुंचाती थी।
महिला पत्र वाहक उषा ठाकुर ने असम न्यूज़ की टीम को बताते हुए कहा की बताते हैं कि कोरोना काल में संक्रमण का खतरा तो होता था, लेकिन जनता की हर संभव मदद करना भी हमारा दायित्व था।
भारतीय डाक विभाग हमेशा से जनसेवा के प्रति अग्रसर रहा है। बदलते परिवेश के साथ-साथ डाक विभाग ने न केवल अपने उत्पादों को बल्कि अपनी तकनीक को भी विकसित किया है।
असर टीम से भारती…



