EXCLUSIVE…जब लावारिस भिखारी को शिमला में एक महिला ने दी मुखाग्नि
एमसी समय पर नही कर पाई अंतिम संस्कार

70 साल पहले शिमला में गुम हुआ था बच्चा, शिमला में जुटा रहा था दो जून की रोटी

एमसी के रैन बसेरा में रहने वाले एक भिखारी को मुखाग्नि एक महिला ने दी। बताया जा रहा है की एमसी के कर्मचारी तो उसका अंतिम संस्कार करने समय पर नहीं आ पाए लेकिन उससे पहले समाजसेविका को भिखारी की मृत्यु के बारे में फोन आ गया। जब उसे शमशान घाट ले जाया गया तब जाकर उसके अंतिम संस्कार करने के बाद एमसी के कर्मचारी आए।

इस दौरान समाजसेवीका बीना का कहना है कि ये काम एमसी को समय पर करना चाहिए। लेकिन जब तक लाश जल चुकी थी उसके बाद एमसी के कर्मचारी पहुंच पाए। समाजसेविका का कहना है कि इस तरह की भावनाओं को लेकर संबंधित सभी कर्मचारी को सतर्क रहना चाहिए।
ये थी उस भिखारी की कहानी……
शिमला आकर गुम गया था बच्चा….
लगभग 70 वर्ष पहले यह भिखारी जब बच्चा था तो अपने किसी रिश्तेदार के साथ शिमला घूमने आया था ।उसके माता पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी लेकिन वह शिमला गुम हो गया था। उसके बाद शिमला में उसने दो जून की रोटी कमाने के लिए मशक्कत की। जिसके बाद वह बाद में बीमार भी हो गया था। जिसके बाद वह मांग मांग कर अपना पेट पाल रहा था।

