EXCLUSIVE: 350 डेड बॉडी से होगी मेडीकोज की पढ़ाई
अभी तक 350 लोग कर चुके हैं शरीर का दान, सात देह पहुंची आईजीएमसी....

मेडिकल कालेजों को अपनी डेडबॉडी डोनेट करने में हिमाचली नंबर वन हैं। इसमें आईजीएमसी की देहदान समिति में 350 हिमाचलियों ने मौत के बाद देह देने के लिए शपथपत्र भर दिया है। इसके तहत अभी तक लगभग सात लोगों की डेडबॉडी आईजीएमसी भी पहुंच चुकी है। गौर हो कि डॉक्टर की पढ़ाई के लिए देह का होना अति महत्वपूर्ण माना जाता है जिस पर मेडिकोज को मेडिकल की पढ़ाई का पहला सबक दिया जाता है।
आईजीएमसी देह दान समिति के रिकार्ड पर गौर करें तो अभी तक सात देह अस्पताल पहुंचाई जा चुकी हैं।
यह समिति एचपी रजिस्ट्रेशन एक्ट 2006 के तहत पंजीकृत है। गौर हो कि मेडिकोज की पढ़ाई के लिए उनका सबसे पहला विषय एनाटॉमी रहता है। इसमें भविष्य के डॉक्टर्स को शरीर के अंगों के बारे में बताया जाता है। एक बॉडी से 20 से 30 स्टूडेंट पढ़ाई कर सकते हैं। बता दें कि आईजीएमसी में पहली देह सिरमौर के बलदेव वर्मा की पहुंची थी वहीं, दूसरा शरीर जिया लाल पटियाल सोलन का पहुंचा था।
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● मृत शरीर लाने पर मिलते हैं पांच हजार
प्रदेश में देहदानियों का ग्राफ बढ़े, इसके लिए राज्य में यह व्यवस्था भी है कि डेडबॉडी को अस्पताल लाने के लिए परिजनों को पांच हजार की राशि दी जा रही है। आईजीएमसी प्रशासन जनता से बार-बार यह अपील करता है कि देहदान में जनता सहयोग दें। इसके लिए सभी अस्पतालों में एक काउंसिलिंग टीम का होना जरूरी है, जो जनता को जागरूक करे।
क्या है देहदान
देहदान का अर्थ है ‘देह का दान’ अर्थात किसी उत्तम कार्य अपना जीवन ही दे देना। दधीचि ने अपना शरीर इसलिए त्याग दिया था ताकि उनकी हड्डियों से धनुष बनाया जा सके जिससे दैत्यों का संहार हो सके।




