रोष: अधिकांश निजी बसें कहीं न कहीं गैर कानूनी व अनाधिकृत रूप से संचालित की जा रही
निजी बस ऑप्ररेटर्ज यूनियन द्वारा एच.आर.टी.सी रूटों को रद्द करने की चेतवानी को लेकर हिमाचल पथ परिवहन गिनम संयुक्त समन्वय समीति(जे.सी.सी.)आगे आ गई है।
अब एचआरटीसी व निजी बस आप्रेटरों में एक बार फिर रूट परमिटों को लेकर विवाद भी बढ़ने लग गया है। अभी हाल में निजी बस ऑप्ररेटर्ज यूनियन द्वारा एच.आर.टी.सी रूटों को रद्द करने की चेतवानी को लेकर हिमाचल पथ परिवहन निगम संयुक्त समन्वय समीति (जे.सी.सी.)आगे आ गई है।
इसे लेकर पुराना बस स्टैंड में आयोजित प्रेस वार्ता में जे.सी.सी सचिव खमेंद्र गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में एच.आर.टी.सी नहीं बल्कि निजी बसें गैर कानूनी तरीके व अनाधिकृत रूप से चल रही है। शिमला ही नहीं प्रदेश भर में निगम को नुकसान पहुंचाने के लिए निगम की बसों से 5 मिनट पहले बसें चलाई जा रही है। उन्होंने अभी हाल में ही निजी बस ऑप्ररेटर यूनियन के एक पदाधिकारी द्वारा एच.आर.टी.सी के रूटों को रद्द करने की मांग को लेकर कड़ी निंदा की।
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अधिकांश निजी बसें कहीं न कहीं गैर कानूनी व अनाधिकृत रूप से संचालित की जा रही
अधिकांश निजी बसें कहीं न कहीं गैर कानूनी व अनाधिकृत रूप से संचालित की जा रही है जिससे वे एच.आर.टी.सी की आय को कई दशकों से हानि पहुंचा रहे हैं। पुराने परमिट अपने रूटों व टाइम टेबल में मनमर्जी का संशोधन करवा चुके हैं, जोकि नियमों के खिलाफ है, क्योंकि मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 80(3)के अनुसार जारी किए गए रूट परमिटों की शर्तों में, रूट में व क्षेत्र में कोई बदलाव करना चाहे तो उसे नया परमिट के लिए प्रार्थना पत्र समझा जाएगा। उन्होंने कहा कि धारा 80(3) एक व दो के अनुसार रूट परमिट में बदलाव व बढ़ाव केवल एक मर्तबा 24 किलोमीटर से अधिक नहीं किया जा सकता।
ये थे मौजूद
इस मौके पर हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष समर चौहान, उपाध्यक्ष पूर्ण चन्द शर्मा, प्रवक्ता संजय कुमार, कोषाध्यक्ष जगदीश चन्द सहित अन्य मौजूद रहे।



