असर विशेष : शिमला का चैडविक हाउस: जहां ठहरे गांधी, वहीं सहेजी गई लोकतंत्र की जवाबदेही की विरासत

शिमला का चैडविक हाउस: जहां ठहरे गांधी, वहीं सहेजी गई लोकतंत्र की जवाबदेही की विरासत
डिम्पल सूद
शिमला की वादियों में स्थित चैडविक हाउस अब सिर्फ एक औपनिवेशिक इमारत नहीं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक जवाबदेही और लेखा-परीक्षा परंपरा का जीवंत संग्रालय बन चुका है। 1880 के दशक में निर्मित यह भवन इतिहास के कई अहम दौरों का साक्षी रहा
है।
इस ऐतिहासिक भवन को 1904 में कपूरथला रियासत के महाराजा सरदार चरणजीत सिंह ने खरीदा था। आज़ादी से पहले 1946 में जब महात्मा गांधी शिमला आए, तो उन्होंने इसी चैडविक हाउस में ठहरकर देश के भविष्य पर मंथन किया। स्वतंत्र भारत बनने के बाद 1950 में यहां इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट सर्विस (IA&AS) के अधिकारियों का प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया।
समय के साथ यह भवन जर्जर होता चला गया और 2018 तक लगभग विध्वंस के कगार पर पहुंच गया। तभी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने का निर्णय लिया। दिसंबर 2020 में प्रसार भारती (ऑल इंडिया रेडियो) के साथ समझौते के बाद इसे म्यूजियम में बदलने की प्रक्रिया शुरू हुई। आखिरकार 24 जून 2024 को CAG गिरीश चंद्र मुर्मू ने चैडविक हाउस म्यूजियम का औपचारिक उद्घाटन किया।
✨ 10 गैलरी, 1 गौरवशाली यात्रा
म्यूजियम में बनी 10 गैलरियां CAG के इतिहास, भूमिका, उपलब्धियों और भारत में ऑडिट की परंपरा को रोचक अंदाज़ में प्रस्तुत करती हैं। यहां चाणक्य के अर्थशास्त्र से लेकर डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा संविधान सभा में CAG को लोकतंत्र की रीढ़ बताए जाने तक की यात्रा को सजीव रूप में दर्शाया गया है।
🕰️ इतिहास से सजी वस्तुएं और डिजिटल अनुभव
यहां रिमिंगटन गार्डन टाइपराइटर, ब्रिटिश काल की फ्रैंकिंग मशीन, पुरानी घड़ियां, CAG कार्यालयों की ट्रॉफियां जैसे दुर्लभ संग्रह मौजूद हैं। आधुनिक तकनीक के साथ ग्राफिक पैनल, वीडियो और डायोरामा सेट इतिहास को नई पीढ़ी के लिए और भी रोचक बनाते हैं।
🌟 सी. वी. रमन से जुड़ी खास झलक
म्यूजियम का एक विशेष आकर्षण भारत के पहले और एकमात्र नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी सी. वी. रमन से जुड़ा है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कोलकाता में असिस्टेंट अकाउंटेंट जनरल के रूप में की थी। उनकी 1907 की मेज-कुर्सी और प्रतिमा को उसी स्वरूप में प्रदर्शित करने की योजना म्यूजियम को और भी खास बनाती है।
🔔 लोकतंत्र की विरासत का प्रतीक
चैडविक हाउस म्यूजियम सिर्फ अतीत को नहीं सहेजता, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को ऑडिट, पारदर्शिता और जवाबदेही का महत्व भी समझाता है। यह म्यूजियम आज भारत के लोकतांत्रिक संस्थानों की विरासत और सुशासन की भावना का सशक्त प्रतीक बन चुका है।



