लुधियाना आर्य कॉलेज में 71वां राम नाम अखंड जाप महायज्ञ का समापन

लुधियाना आर्य कॉलेज में 71वां राम नाम अखंड जाप महायज्ञ का समापन हुआ। सत्संगमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने सम्मिलित होकर राम रस का पान किया। रेखा बेदी जी नेअमृतवाणी का गुणगान करके समस्त जनसमूह को राम रस में डुबो दिया। बेदी जी ने “रामनाम लौ लागी भजन गाकर ऐसा माहौल बना दिया कि राम नाम ही सर्वोपरि है“। समर बेदी जी नेअपने पथ पर आप चलाओ भजन गाकर समस्त जनसमूह को मोहित करके यह संदेश दिया किमहाराज जी हम सबको उस पथ पर चलाओ जो मार्ग आपने हमें दिखाया है। राम नाम की मीठी धुन मानो सभी के मन की मैल धो रही थी।
इस अवसर पर संत अश्विनी बेदी जी महाराज जी ने राम नाम की महिमा का वर्णनकरते हुए बताया कि जिन भक्त जनों के मन में राम बस जाता है, वह राम नाम जपने वाले अमर होजाते हैं। उनकी कीर्ति शोभा सदा बनी रहती है। श्री राम सदा अपने भक्तों के अंग संग रहते हैं।छोटे–छोटे उदाहरण से उन्होंने समझाया की खूब राम नाम जपे, राम कृपा को प्राप्त करें।
उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब ग्रंथ का उदाहरण देते हुए बताया कि “सब सुख दाता राम है, दूसरनाही कोए“। उन्होंने बताया कि उस परमेश्वर से मांगो जो सारे जगत को देने वाला है। गुरु महाराजने बताया कि मैं तो केवल रास्ता दिखाने वाला हूं, तुझे स्वयं इस मार्ग पर चलना होगा। श्रीमद् गीतामे श्री कृष्णा ने कहा है कि यह सारी कायनात मैंने अपने अंश पर धारण की हुई है। ऐ इंसान तू क्योंविषय वासनाओं, गलत विचारधाराओं के चक्कर में भटक रहा है। तू राम नाम जैसी सही राह क़ोक्यों नहीं चुनता। उस राम नाम से क्यों नहीं प्रीती करता जो सब जगत का पालनहार है।
इस अवसर पर काफी संख्या में उच्च अधिकारी सम्मिलित हुए।
यह अखंड जाप 21 दिन रात लगातार लुधियाना रामशरण आश्रम में चलता रहा। यह अखंडजाप 7 दिसंबर से आरंभ हुआ था। यह यज्ञ पूज्य संत श्री नरकेवल बेदी जी की प्रार्थना करने पर1954 में स्वामी सत्यानंद जी महाराज जी ने आरंभ किया था। 5 साल तक स्वामी जी महाराज स्वयंइस यज्ञ में पधारे है। 1959 स्वामी जी महाराज ने आदेश किया कि संत नरकेवल बेदी जी अब इसयज्ञ को स्वयं चलाओ। 13 नवंबर 1960 को स्वामी सत्यानंद जी महाराज ने अपना भौतिक चोलात्याग दिया। तभी से ही स्वामी जी महाराज के उत्तराधिकारी प्रेम जी महाराज के आशीर्वाद से संतबेदी जी महाराज की अनन्या सेवा से आज तक यह राम नाम अखंड जप निर्विन चल रहे है।




