शिक्षा

कोटशेरा कॉलेज में जापानी प्रतिनिधि मंडल का जोरदार स्वागत — 150 छात्रों ने लिया हिस्सा

21वीं सदी के कौशलों पर फोकस, हिरोशिमा यूनिवर्सिटी टीम ने छात्रों को दिया वैश्विक दृष्टिकोण

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कोटशेरा कॉलेज में जापानी प्रतिनिधि मंडल का जोरदार स्वागत — 150 छात्रों ने लिया हिस्सा

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शिमला, 1 दिसंबर ,2025: हिरोशिमा विश्वविद्यालय, जापान का आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय ,( कोटशेरा), चौड़ा मैदान, शिमला में शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक संवाद के लिए पहुँचा|

 

इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व हिरोशिमा विश्वविद्यालय के राजनीतिक शास्त्र के प्रो. (डॉ.) योशिदा ओसामु कर रहे थे, जिनके साथ शोधार्थी एवं छात्र अकीनो विकॉन, एंगो साइटो, हिनानो तनाका, रिउ निशिमुरा, हिनाटो ओकुमुरा, कोहेई किशिमोतो और तकूया कवानुरा शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल का महाविद्यालय पहुंचने पर महाविद्यालय के प्राचार्य, डॉ. गोपाल चौहान, करियर काउंसलिंग एवं प्लेसमेंट सेल के संयोजक डॉ. पीडी कौशल तथा सदस्य प्रो.राजलक्ष्मी नेगी,डॉ. प्रियंका विंटा और

डॉ. धनिषा नेगी सहित अन्य प्राध्यापकों, गैर- शैक्षणिक कर्मचारी तथा छात्र-छात्राओं ने स्वागत किया।

 

संवाद कार्यक्रम की शुरुआत डॉ प्रियंका विंटा द्वारा दिए गए स्वागत भाषण से हुई|

अपने संबोधन में प्राचार्य डॉ. गोपाल चौहान ने कहा कि आज की दुनिया में 21वीं सदी के कौशल—संचार, नवाचार, सहयोग और नेतृत्व—बेहद आवश्यक हैं। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे ऐसे अंतरराष्ट्रीय अवसरों का पूरा लाभ उठाएँ। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आगामी समय में हिरोशिमा विश्वविद्यालय के साथ संयुक्त सेमिनार, सम्मेलन, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, पर्यटन, सेब अर्थव्यवस्था, दीर्घायु अध्ययन और नई तकनीकों जैसे क्षेत्रों में शोध सहयोग स्थापित किया जाएगा।

 

इस संवाद कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. बृजेश सिंह चौहान, स्थानीय संयोजक, हिमाचल प्रदेश द्वारा किया गया। उन्होंने भारतीय और जापानी शिक्षा प्रणाली, युवाओं के कौशल विकास, हिमालयी कृषि की चुनौतियों, दीर्घायु अध्ययन, कोल्ड चेन विकास, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, तकनीकी नवाचार और छात्र-शिक्षक विनिमय कार्यक्रमों जैसे विषयों पर विस्तृत वार्ता को आगे बढ़ाया।

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प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख प्रो. (डॉ.) योशिदा ओसामु ने महाविद्यालय द्वारा दिए गए स्वागत हेतु आभार व्यक्त किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता, शिक्षा वातावरण और छात्रों की जिज्ञासा की प्रशंसा की तथा भविष्य में दीर्घकालिक संस्थागत साझेदारी की इच्छा व्यक्त की।

उन्होंने जापान की यात्रा को भी उजागर किया, जिसने हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बमबारी के बाद कठिन परिस्थितियों से उभरकर अनुशासन, परिश्रम और तकनीकी प्रगति के माध्यम से विश्व में एक नई पहचान बनाई।

इस अवसर पर उन्होंने भारत-जापान संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग और साझा मूल्यों से शिक्षा, अनुसंधान और सामाजिक विकास को नई दिशा मिल रही है।

इसके अतिरिक्त, 200 से अधिक भारतीय विश्वविद्यालयों और 100 से अधिक जापानी संस्थानों के बीच 665 शैक्षणिक एवं शोध साझेदारियाँ सक्रिय हैं, जिनमें छात्र एवं शिक्षक विनिमय कार्यक्रम भी शामिल हैं|

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भविष्य में राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं के साथ हिरोशिमा विश्वविद्यालय का शैक्षणिक संवाद छात्रों के वैश्विक दृष्टिकोण को समृद्ध करने के साथ-साथ अनुसंधान, संस्कृति और शिक्षण की नई संभावनाएँ भी उत्पन्न करेगा।

 

कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और वैश्विक रोजगार संभावनाओं, बौद्धिक विनिमय, हिमाचल के बौद्ध पर्यटन केंद्रों तथा तकनीक-आधारित शिक्षा से संबंधित विषयों पर जापानी प्रतिनिधि मंडल से प्रश्न पूछे। इस संवाद ने छात्रों को अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य, सांस्कृतिक विविधता और वैश्विक नागरिकता की अवधारणा को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

 

इस कार्यक्रम में कला संकाय ,विज्ञान ,वाणिज्य तथा बी.सी.ए विभाग के लगभग 150 छात्र-छात्राएं मौजूद रहे|

Deepika Sharma

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