सम्पादकीय

मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में – चिट्टा मुक्त हिमाचल की ओर एक सशक्त कदम!

मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में – चिट्टा मुक्त हिमाचल की ओर एक सशक्त कदम!

🌿 राज्य स्तरीय “चिट्टा मुक्ति वॉकाथन – 2025” : मुख्यमंत्री श्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में नशामुक्त हिमाचल की ओर एक जन आंदोलन

 

शिमला, 15 नवम्बर 2025 (शनिवार) — मुख्यमंत्री श्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व और “नशामुक्त हिमाचल” के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से आज रिज मैदान, शिमला से राज्य स्तरीय “चिट्टा मुक्ति वॉकाथन – 2025” का शुभारंभ किया गया।

 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री सुक्खू ने कहा कि “नशा न केवल व्यक्ति को बल्कि पूरे परिवार और समाज को खोखला करता है। समय आ गया है कि हम सब मिलकर ‘चिट्टा मुक्त – नया हिमाचल’ बनाने का संकल्प लें।”

 

यह वॉकाथन प्रातः 10:00 बजे रिज मैदान से आरंभ होकर विधानसभा मार्ग होते हुए चौड़ा मैदान तक आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायकगण, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, विद्यार्थी, एन.सी.सी./एन.एस.एस. स्वयंसेवक, सामाजिक संगठन और बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया।

 

वॉकाथन का आयोजन हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्यव्यापी जन-जागरूकता अभियान “नशा छोड़ो – जीवन जोड़ो (Say No to Drugs – Yes to Life)” के अंतर्गत किया गया।

 

🔹 पुलिस महानिदेशक श्री अशोक तिवारी, IPS का संदेश

 

“कानून का पालन, जन-जागरूकता और पुनर्वास — यही नशामुक्त हिमाचल के तीन मजबूत स्तंभ हैं। हिमाचल पुलिस की भूमिका केवल अपराध रोकने तक सीमित नहीं, बल्कि समाज को स्वस्थ, सुरक्षित और सशक्त बनाने की है।”

 

उन्होंने प्रदेशभर के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि—

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1️⃣ जन-जागरूकता बढ़ाएँ: प्रत्येक थाना प्रभारी अपने क्षेत्र में स्कूलों, कॉलेजों, व्यापारिक संस्थानों और सामाजिक संगठनों में वॉकाथन और संवाद कार्यक्रम आयोजित करें।

2️⃣ संवेदनशीलता बनाए रखें: ERSS (112) पर प्राप्त हर शिकायत पर त्वरित और सहानुभूतिपूर्ण कार्रवाई करें।

3️⃣ जन-फीडबैक लें: शिकायतों के निपटारे के बाद जनता से संपर्क स्थापित करें ताकि पुलिस पर जनता का विश्वास और अधिक सुदृढ़ हो।

 

> “हमें यह साबित करना है कि हिमाचल पुलिस केवल कानून लागू करने वाली संस्था नहीं,

बल्कि जनता की अपनी पुलिस है — जो सुनती है, मदद करती है और हमेशा साथ खड़ी रहती है।”

 

🔹 “चिट्टा” फैलने के प्रमुख कारण

 

1. अंतरराज्यीय तस्करी के मार्ग

 

 

2. बेरोज़गारी और साथियों का दबाव

 

 

3. सस्ते व छोटे पैकेटों में आसान उपलब्धता

 

 

4. सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार और बिक्री

 

 

 

🔹 NDPS अधिनियम, 1985 के तहत सख्त कार्रवाई

राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि “चिट्टा” का रखना, बेचना, खरीदना, परिवहन करना या सेवन करना NDPS अधिनियम की धारा 21, 22, 27 और 29 के तहत गंभीर अपराध है।

दंड का प्रावधान:

छोटी मात्रा (5 ग्राम तक): 1 वर्ष तक की कैद या ₹10,000 जुर्माना या दोनों

मध्यम मात्रा: 10 वर्ष तक की कैद और ₹1 लाख तक जुर्माना

व्यावसायिक मात्रा (250 ग्राम या अधिक): 10 से 20 वर्ष की कैद और ₹1–2 लाख तक जुर्माना

अब तक सैकड़ों आरोपियों को सजा दी जा चुकी है तथा करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई है।

🔹 मुख्य संदेश

 

🙏 “चिट्टा मुक्त – नया हिमाचल” बनाने का संकल्प लें।

💬 नारा: “चिट्टा छोड़ो, जीवन अपनाओ!”

🚶‍♂️ हर कदम बढ़ाएँ — नशामुक्त हिमाचल की ओर, स्वस्थ जीवन की ओर!

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Deepika Sharma

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