हिमाचल प्रदेश में आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई: इस वर्ष अब तक 5438.771 बल्क लीटर अवैध शराब बरामद, दर्ज हुए 103 मामले


शिमला – हिमाचल प्रदेश में अवैध शराब के कारोबार पर सख्ती से लगाम लगाने के लिए आबकारी विभाग ने इस वित्त वर्ष में अब तक उल्लेखनीय कार्य किया है। विभागीय अधिकारियों ने राज्य भर में कार्रवाई करते हुए कुल 103 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 5438.771 बल्क लीटर अवैध शराब बरामद की गई है, साथ ही 18743 लीटर लाहन को भी नष्ट किया गया।
आबकारी विभाग ने अवैध शराब के खिलाफ राज्य स्तरीय विशेष अभियान चलाया है। मुख्यालय स्तर पर गठित विशेष टीमों ने सोलन जिले के एक बॉटलिंग संयंत्र पर छापेमारी की, जहां निरीक्षण के दौरान ENA (Extra Neutral Alcohol) के स्टॉक में भारी कमी पाई गई। साथ ही संयंत्र से अवैध होलोग्राम व लेबल भी जब्त किए गए। इस मामले में विभाग ने एफआईआर दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।

विभाग द्वारा सिरमौर जिले के एक और संयंत्र में भी छापेमारी की गई, जहां लाइसेंस धारक को रात के समय अवैध शराब उत्पादन करते पाया गया। वहां से भी अवैध लेबल, होलोग्राम तथा स्टॉक में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। संबंधित लाइसेंसी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई जारी है।
राज्यभर में चल रहे इस सघन अभियान के दौरान अन्य जिलों में भी बड़ी कार्रवाई हुई है:
● चंबा में चंडीगढ़ से लाई गई अंग्रेजी शराब को जब्त किया गया।
● ऊना और बिलासपुर में अवैध बीयर पकड़ी गई।
● मंडी, शिमला व कुल्लू जिलों में विभिन्न स्थानों पर निरीक्षण कर अवैध शराब निर्माण पर नकेल कसी गई।
आबकारी आयुक्त यूनुस ने बताया कि अवैध शराब के खिलाफ अभियान भविष्य में भी सख्ती से जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह कारोबार न केवल सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि समाज के लिए भी घातक है। विभाग इस पर कड़ी निगरानी रखे हुए है।
उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि अगर उन्हें किसी प्रकार की अवैध शराब या संबंधित गतिविधियों की सूचना मिले तो तुरंत विभाग से संपर्क करें। इसके लिए निम्नलिखित माध्यम उपलब्ध हैं:
● दूरभाष: 0177-2620426
● व्हाट्सएप: 94183-31426
● ईमेल: controlroomhq@gmail.com
क्षेत्रीय ज़ोनल कार्यालय:
● दक्षिण क्षेत्र: 0177-2620426
● उत्तरी क्षेत्र: 01894-230186
● मध्य क्षेत्र: 01905-223499
विभाग ने आश्वासन दिया है कि सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।



