रिज, शिमला में आयोजित एंटी-चिट्टा जागरूकता वॉकथॉन; एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के 150 छात्र हुए शामिल

रिज, शिमला में आज एंटी-चिट्टा जागरूकता वॉकथॉन का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य नशे के दुष्प्रभावों के प्रति समाज को जागरूक करना और चिट्टा-मुक्त हिमाचल के अभियान को और मजबूत करना था। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुल 150 छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और नशामुक्त समाज के समर्थन में जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से उत्साहपूर्वक मार्च किया। विश्वविद्यालय की टीम का नेतृत्व स्कूल ऑफ एलाइड साइंसेज़ की प्रमुख डॉ. मनिंदर कौर ने किया। उनके साथ प्रो-चांसलर डॉ. रमेश चौहान, डीन फैकल्टी डॉ. अश्वनी शर्मा, तथा डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. नीलम शर्मा उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने विश्वविद्यालय की सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाया।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी नागरिकों से यह संकल्प लेने का आह्वान किया कि वे राज्य के हर गाँव, कस्बे, तहसील और जिले से चिट्टा को समाप्त करने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि नशामुक्त हिमाचल का निर्माण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि जनता, शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक संगठनों और समुदायों की साझा जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि युवाओं को नशे से बचाना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है और ऐसे जागरूकता कार्यक्रम जमीनी स्तर पर नशे के खिलाफ लड़ाई को मजबूत बनाते हैं।
वॉकथॉन के समापन पर सभी प्रतिभागियों और अधिकारियों में नई ऊर्जा और दृढ़ संकल्प देखने को मिला, जिससे यह संदेश गया कि एकजुट होकर ही हिमाचल प्रदेश को स्वस्थ, सुरक्षित और पूरी तरह चिट्टा-मुक्त बनाया जा सकता है।


