सवाल: शिक्षकों के चयन की खराब प्रणाली और बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था
राजकीय अध्यापक संघ के प्रमुख नरेश महाजन की क़लम से

मैं इस घटना से बहुत स्तब्ध हूं।
मेरे विचार से यह घटना हमारी शिक्षकों के चयन की खराब प्रणाली और बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था का प्रतिबिंब है। ड्राइंग शिक्षक के खिलाफ की गई कार्रवाई उतनी ही हास्यास्पद है जितनी कि उनकी अंग्रेजी लेखन कौशल।
इस प्रकरण से निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदु उभर कर सामने आते हैं:-
1. गलत वर्तनी लिखना कोई कदाचार नहीं है, इसलिए सीसीएस आचरण नियमों को लागू करना उचित नहीं है।
2. प्रिंसिपल ने वर्तनी की गलतियों पर ध्यान दिए बिना चेक पर हस्ताक्षर क्यों किए? सीसीएस आचरण नियमों के समान प्रावधानों को लागू करके उन्हें निलंबित क्यों नहीं किया गया?
3. शिक्षा उपनिदेशक द्वारा हस्ताक्षरित संलग्न पत्र में भी वर्तनी और व्याकरण संबंधी कई त्रुटियाँ हैं। इसी पत्र के आधार पर ड्राइंग टीचर के निलंबन के आदेश जारी किए गए। अब वर्तनी की त्रुटि वाले निलंबन आदेश पर हस्ताक्षर करने वाले शिक्षा उपनिदेशक को कौन निलंबित करेगा?
4. उन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा जो ऐसे व्यक्तियों को सरकारी सेवा में चुनने के लिए जिम्मेदार हैं जो ठीक से अंग्रेजी नहीं लिख सकते?
सरकारी स्कूलों की इस बिगड़ती स्थिति को देखकर मुझे बेहद दुख हो रहा है। मैंने भी हिमाचल प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूलों से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। लेकिन हमारे समय में चयनित शिक्षकों की गुणवत्ता उत्कृष्ट थी और न्यूनतम बुनियादी ढांचे के बावजूद हमें सर्वोत्तम संभव शिक्षा मिलती थी।
राज्य के राजनीतिक नेतृत्व को इस मुद्दे पर सोचना होगा।




