संस्कृति

भूटान में मृदुला श्रीवास्तव के व्यंग्य संग्रह का विमोचन

 

 

शिमला, 14 सितंबर।

भूटान की राजधानी थिंफू में भूटान-भारत साहित्य महोत्सव में हिमाचल प्रदेश की वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला श्रीवास्तव के व्यंग्य संग्रह ‘आलस्यमेव जयते’ का विमोचन किया गया। उन्हें ‘अंतरराष्ट्रीय साहित्य शिरोमणि सम्मान’ से भी अलंकृत किया गया। इस अवसर पर मास्को, रूस से आई कवि श्वेता सिंह ‘उमा’ मुख्य अतिथि और भूटान की प्रमुख युवा कवि सीतामाया राई विशिष्ट अतिथि थीं।

क्रांतिधरा साहित्य अकादमी द्वारा भूटान की साहित्यिक संस्थाओं के सहयोग से हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा नेपाल, भूटान, रूस और अमेरिका आदि देशों के साहित्यकारों ने हिस्सा लिया।

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अकादमी के अध्यक्ष और कार्यक्रम के संयोजक डॉ. विजय पंडित ने कहा कि मृदुला श्रीवास्तव ने दो चर्चित कहानी संग्रह – ‘काश पंडोरी न होती’ और ‘जलपाश’ समाज को सौंपने के बाद व्यंग्य की दुनिया में कदम रखा।
संग्रह ‘आलस्यमेव जयते’ में 40 व्यंग्य-रचनाएं हैं। यह अनूठी कथामय शैली एवं भाषागत तेवरों से युक्त एक अद्भुत पुस्तक है।

मृदुला श्रीवास्तव की कहानियां अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। उनकी कहानियों का अनुवाद अंग्रेजी, फ्रेंच और नेपाली में भी हुआ है। उन्हें अनेक प्रतिष्ठित सम्मान भी प्रदान किए गए हैं।

Deepika Sharma

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