असर विशेष: रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त इस बार बहुत ही कम
रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त इस बार बहुत ही कम है।
ज्योतिष विशेषज्ञ जितेंद्र शास्त्री का कहना है कि कार्येत्वावश्यके विष्टे : मुखमात्रं परित्यजेत् ।। (मुहूर्त्त प्रकाश)
इसके अतिरिक्त 11 अगस्त, गुरुवार को चन्द्रमा मकर राशिस्थ एवं भद्रा पाताललोक में होने से भी भद्रा का परिहार होगा। अतएव शास्त्रानुसार तो 11 अगस्त, गुरुवार को ही भद्रा के बाद प्रदोषकाल में (20:53 से 21:50 तक) रक्षाबन्धन मनाना चाहिए। परन्तु पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-काश्मीर आदि प्रदेशों में प्राचीनकाल से ही उदय-व्यापिनी पूर्णिमा के दिन प्रात:काल को ही रक्षाबन्धन पर्व मनाने का प्रचलन है। हिमाचल, पंजाब आदि प्रदेशों में कुछ लोग 12 अगस्त, शुक्रवार को त्रिमुहूर्त-न्यून पूर्णिमा के दिन ही (7घं.-06 मिं. से पहिले) अर्थात् उदयकालिक पूर्णिमा में ही रक्षाबन्धन पर्व मनाएंगे।
उधर……देखा जाय तो अब
11 अगस्त को भद्रा समाप्त होने के बाद बांधी जाएगी राखी बांधी जाएगी।
11 अगस्त (गुरुवार) की रात 08:25 बजे भद्रा की समाप्ति के बाद राखी बांधी जायेगी. वहीं, बनारसी पंचांग के मुताबिक 11 अगस्त की रात लगभग साढ़े आठ बजे भद्रा के खत्म होने से लेकर अगले दिन शुक्रवार को सुबह 07:16 बजे तक पूर्णिमा तिथि की उपस्थिति में रक्षाबंधन का शुभ कार्य किया जाएगा। वहीं, मिथिला पंचांग के आधार पर 12 अगस्त (शुक्रवार) को बहन अपने भाई को राखी बंधेगी।.

