
रैगिंग के खिलाफ जागरूक हुए विद्यार्थी, लिया रैगिंग-मुक्त परिसर का संकल्प
शैक्षणिक संस्थानों में हर वर्ष एंटी-रैगिंग सप्ताह मनाया जाता है ताकि विद्यार्थियों को रैगिंग के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा सके और सुरक्षित तथा सहयोगात्मक वातावरण सुनिश्चित किया जा सके। यह स्मरण कराता है कि रैगिंग न केवल दंडनीय अपराध है बल्कि एक गंभीर सामाजिक समस्या भी है, जो छात्र के मानसिक, भावनात्मक और शैक्षणिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
हिमाचल प्रदेश गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज (एच.पी.जी.डी.सी.) में 12 अगस्त से 18 अगस्त 2025 तक एंटी-रैगिंग सप्ताह विभिन्न जागरूकता गतिविधियों के साथ आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को रैगिंग के दुष्परिणामों के प्रति संवेदनशील बनाना और सम्मानजनक वातावरण को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम के अंतर्गत एंटी-रैगिंग जागरूकता अभियान चलाया गया। विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पोस्टर मेकिंग और स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा की गई, जिसमें सार्थक विजेता रहे, जबकि स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में मधुर पीर विजेता बनीI
समापन दिवस 18 अगस्त 2025 को एंटी-रैगिंग जागरूकता कार्यशाला एवं संगोष्ठी आयोजित की गई। सत्र की अध्यक्षता डॉ. आशु गुप्ता, प्राचार्य एच.पी.जी.डी.सी. ने की। उन्होंने विद्यार्थियों को रैगिंग का अर्थ एवं इतिहास, इसके परिणाम, रैगिंग को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बताया कि रैगिंग की घटनाओं से कैसे निपटना है, शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया क्या है, और त्वरित सहायता के लिए एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन नंबर – 1800-180-5522 साझा किया।
यह संवादात्मक सत्र विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ और सभी ने मिलकर कॉलेज परिसर को रैगिंग-मुक्त बनाए रखने का संकल्प लिया।



