पदाधिकारियों की चार्ज शीट को निरस्त करने की मुख्यमंत्री से मांग

हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष को कर्मचारी विरोधी और अनियमिताओं के चलते तुरंत पद से हटाने और महासंघ के पदाधिकारियों की चार्ज शीट को निरस्त करने की मुख्यमंत्री से मांग की
साथ ही मुख्यमंत्री को पूरे मामले में हस्तक्षेप कर बिजली बोर्ड कर्मचारियों के साथ हो रही ज्यादतियों और उनके मुद्दों को हल करने की उठाई मांग
महासंघ ने दो टूक कहां यदि समय रहते कर्मचारी विरोधी निर्णय वापस नहीं लिए गए तो हिमाचल प्रदेश का कर्मचारी सड़कों पर लाम बंद होगा जिसकी पूरी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी
हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ के राज्यअध्यक्ष वीरेंद्र चौहान,पैटर्न गोविंद चित्रांटा,कुलदीप खरवाड़ा ,अरुण गुलरिया चीफ ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री कामेश्वर शर्मा , वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद कुमार,वनिता सकलानी व सुनील जरयाल,उपाध्यक्ष डॉ सुरेंद्र डोगरा ,डॉक्टर बीएस दिलटा,डॉ नितिन व्यास, मान सिंह ,गीता राम शर्मा, वित्त सचिव खेमेन्दर गुप्ता, डिप्टी जनरल सेक्रेटरी तिलक नायक ,मनोज शर्मा , तारा दत शर्माआदि प्रमुख सदस्यों ने एक संयुक्त व्यान मे कहा है कि जिस तरह से विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष कार्य कर रहे हैं और जिस तरह से वित्तीय अनियमितताओं के आरोप उन पर लग रहे हैं और जिस तरह से वह संघ के पदाधिकारी के खिलाफ बदले की भावना से काम कर उनके खिलाफ चार सीट और अन्य कार्रवाई कर रहे हैं वह बहुत ही निंदनीय है सरकार को तुरंत प्रभाव से उन्हें पद से हटा देना चाहिए जिससे सरकार की छवि भी खराब ना हो
उक्त पदाधिकारियों ने माननीय मुख्यमंत्री से मांग की है कि युक्त अधिकारी को तुरंत प्रभाव से बोर्ड से हटाया जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए साथी संघ के पदाधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और चार्ज शीट को निरस्त किया जाए जिससे सरकार और कर्मचारियों के बीच समन्वय बना रहे महासंघ ने दो टूक शब्दों में कहा यदि समय रहते हिमाचल सरकार इस तरह के अधिकारियों के ऊपर लगाम नहीं लगाती है या उन्हें संरक्षण देती है तो कर्मचारी और सरकार के बीच एक बहुत बड़ा गतिरोध पैदा हो जाएगा और महासंघ मजबूरन अपने पदाधिकारी के हितों की रक्षा के लिए आगे आएगा और सड़कों पर संघर्ष करने पर मजबूर होगा
चौहान ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री 7 अगस्त से पहले उनकी यह मांग पूरी नहीं करते हैं तो मजबूरन संयुक्त कर्मचारी महासंघ विद्युत बोर्ड कर्मचारी महासंघ के साथ इस संघर्ष में खड़ा हो जाएगा क्योंकि हीरालाल वर्मा जिनको चार्ज शीट किया गया है वह संयुक्त कर्मचारी महासंघ के सम्माननीय महासचिव है उनके समर्थन में सभी विभागों,बोर्ड,निगमो के कर्मचारी नेता लड़ाई के लिए सड़कों पर उतर जाएंगे और समर्थन में खड़े हो जायेगे
सयुंक्त कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी ने कहा कि इससे पहले भी महासंघ कई बार मुख्यमंत्री से मिलकर कर्मचारियों की अलग-अलग मांगों को मांग पत्र के माध्यम से रख चुका है जिसका अभी तक कोई हल नहीं हुआ है साथ ही मुख्यमंत्री से मांग भी करते हैं कि निम्नलिखित प्रमुख मांगे जो संगठन ने अनेकों बार सरकार के ध्यान में लाई है उनका हल करने के लिए भी आगामी चार दिनों तक चलने वाली कैबिनेट बैठक में विचार विमर्श कर हल करने का प्रयास करें जिससे कर्मचारियों में सरकार के प्रति विश्वास पैदा हो सके
महासंघ की मुख्य मांगो में कर्मचारियों का 11% डीए का बकाया और इसके अतिरिक्त डीए के एरियर की बकाया राशि सहित छठे वेतन आयोग के एरिया की बकाया राशि देने की मांग की गई है, 4- 9- 14 टाइम स्केल को बहाल करने की मांग और जिन कर्मचारियों को पिछला 4- 9- 14 टाइम स्केल का लाभ नहीं मिला है उसे चरण वध तरीके से कर्मचारियों को देने ,कॉलेज और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को करियर एडवांसमेंट स्कीम यूजीसी की तर्ज पर देने, ओल्ड पेंशन स्कीम से छूटे हुए कर्मचारी विभागों, बोर्डों , निगमो को पेंशन बहाल करना जिसमें मुख्यतः स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ,कॉरपोरेशन, जिला परिषद सदस्य शामिल है यूपीएस स्कीम का सभी कर्मचारी संगठनों ने विरोध किया और हिमाचल में यूपीएस को बहाल नहीं किया जाए ,सभी विभागों, बोर्ड निगम में खाली पड़े पदों को भरने और पदोन्नति करने तथा किसी भी विभाग, बोर्ड, निगम में पदों को समाप्त करने पर सभी कर्मचारी संगठनों ने आपत्ति व्यक्त की और सरकार से मांग की कि किसी भी तरह की पदों को समाप्त करने से पहले स्टेक होल्डर से सरकार बात करके ही उनकी सहमति से कोई निर्णय ले, करुणा मूलक आधार पर सभी विभागों में पदो को भरने और इनकम सीलिंग क्राइटेरिया को 6 लाख तक बढ़ाने की मांग की गई, एचआर टीसी को रोडवेज का दर्जा देने और एचआर टीसी कर्मियों के ओवर टाइम की बकाया राशि जिसे माननीय मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री ने जारी करने की घोषणा की थी उसे सरकार तुरंत जारी कर कर्मचारियों को राहत दे, बिजली बोर्ड में जो 600 पदों को समाप्त करने के लिए चिन्हित किए गए है उस पर रोक लगाई जाए , विघटन और निजीकरण को ना किया जाए, किसी भी विभाग में पदो को समाप्त करने की बजाय उसे बढ़ाने की दिशा में काम किया जाए, नए पे कमीशन के अनुसार मेडिकल अलाउंस को ओपन करने के लिए ऑप्शन बहाल की जाए ,सभी तरह के अलाउंस जिसमें HRA, मेडिकल या अन्य भत्ते सेंटर पैटर्न के आधार पर बढ़ाए जाए , चाइल्ड केयर लीव सभी पात्र महिला कर्मचारी को दी जाये




