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कोरोना से अनाथ हुए 1481 बच्चों की आवाज उठेगी सरकार के समक्ष

 

 

 

 

। हिमाचल प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग कोरोना अर्ध-अनाथ हुए 1481 बच्चों की आवाज सरकार के समक्ष उठाएगा। आयोग ऐसे बच्चों की आर्थिक मदद के लिए सरकार से कोई नई स्कीम शुरू करने के लिए कहेगा। कोरोना ने 26 बच्चों के माता-पिता को छीन लिया। कोरोना काल में अन्य कारणों से 78 बच्चे अनाथ हुए हैं।

आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में उमंग फाउंडेशन द्वारा मानवाधिकार संरक्षण पर शुरू की गई साप्ताहिक वेबीनार श्रंखला में यह जानकारी राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वंदना योगी ने दी। 

 

उमंग फाउंडेशन के ट्रस्टी विनोद योगाचार्य के अनुसार आयोग की अध्यक्ष ने बताया अर्ध-अनाथ ऐसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता में से किसी एक की कोरोना से हो गई। अभी मदर टेरेसा योजना के अंतर्गत उनके अभिभावकों को हर साल 12 हज़ार रुपए प्रति बच्चे की दर से अधिकतम दो बच्चों के लिए दिए जाने का प्रावधान है।

 

 लेकिन आयोग चाहता है कि सरकार ऐसे 1481 अर्ध अनाथ बच्चों के लिए कोई नई स्कीम शुरू करें। इससे उनकी पढ़ाई एवं अन्य जरूरतें पूरी की जा सकेंगी। करुणा से प्रति होने पर परिजनों को सरकार 50 हज़ार रुपए की राशि देती है।

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उन्होंने यह भी कहा की एक वर्ष भी आयोग के पास 10 से 15 शिकायतें आती है। आयोग खुद भी संज्ञान लेकर कार्रवाई करता है। एक वर्ष में 259 मामलों पर कार्रवाई की गई।

वंदना योगी ने कहा कि बच्चे कोई अन्य व्यक्ति अथवा संस्था चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर या मेल (hpcpcr123@gmail.com) के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि बाल मजदूरी रोकने के लिए आयोग उद्योगों एवं पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के साथ बैठकें कर रहा है। इसका उद्देश्य संबंधित उद्योगों को कानूनों से अवगत कराना और इस मुद्दे पर संवेदनशील बनाना है। उन्होंने युवाओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, विभिन्न महाविद्यालयों के  विद्यार्थी एपीजी शिमला यूनिवर्सिटी के एनसीसी(आर्मी विंग) के अलावा अन्य युवाओं एवं कई सहायक प्रोफेसरों ने भी हिस्सा लिया।

उमंग फाउंडेशन  आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में हर रविवार शाम 7 से 8 बजे तक मानवाधिकार संरक्षण पर वेबिनार का आयोजन करता है। इससे पहले बेसहारा मनरोगियों के मानवाधिकार, विकलांगजनों के अधिकार और महिला अधिकार विषय पर वेबिनार  चुके हैं। 

 

ऑनलाइन कार्यक्रम के संचालन में शोध छात्रों- वैशाली ठाकुर, अतुल चंदेल, मुकेश कुमार और ज्योति शर्मा ने  सहयोग दिया।

Deepika Sharma

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