
हिमाचल के नामी मनोचिकित्सक और उनकी धर्मपत्नी को विजिलेंस और स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्लीन चिट दे दी गई है।
डॉ रविचन्द शर्मा पूर्व निदेशक चिकित्सा एवं प्रधानाचार्य आईजीएमसी. शिमला की धर्मपत्नी किरण शर्मा को फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र देकर तथा हाईकोर्ट के आदेशों की उल्लंघना करते हुए तथा मेरिट को दरकिनार करते हुए मेडिकल सोशल वर्कर के पद पर तैनात करने के संगीन आरोप से क्लीन चिट मिल गई है।
यह शिकायत विजिलेंस तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा विस्तार से अन्वेषण किये जाने के बाद निरस्थ कर दी गई है। और किरण शर्मा या अन्य किसी उम्मीदवार की मेडिकल सोशल वर्कर की नियुक्ति में किसी भी तरह से संलिप्त नहीं पाया गया।
डॉक्टर रवि का कहना है कि उनपर लगाए गए आरोप झूठे साबित हुए है। इस तरह के आरोप लगाने से उन्हें और उनकी धर्मपत्नी को काफी मानसिक तनाव भी रहा है। डॉ रवि शर्मा ने प्रदेश सरकार से यह भी आग्रह किया है कि इस तरह के झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ भी सरकार कड़ी कार्यवाही करें ।इस तरीके के झूठे आरोप प्रदेश सरकार को भी कटघरे में खड़े करते है। यह जांच रिपोर्ट आरटीआई के माध्यम से प्राप्त हुई है।
गौर हो कि एक वर्ष तक यह जांच चली थी ।
आरटीआई से प्राप्त जांच रिपोर्ट



