शिक्षा

EXCLUSIVE: छात्रों से यह कैसा परीक्षा शुल्क ?

भारत सरकार के अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के विपरित प्रारम्भिक कक्षाओं से भी परीक्षा शुल्क की अधिसूचना 

 

निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई ऐक्ट 2009) के तहत 6 से 14 आयु वर्ष के बच्चों तथा कक्षा 1 से 8वी तक किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जा सकता, लेकिन हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने ईस अधिनियम के विपरित, 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के साथ प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों कक्षा 3 , 5 व कक्षा 8वी से भी परीक्षा शुल्क वसूलने की अधिसूचना जारी कर दी हें।  प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर के अध्यक्ष ने ये मामला उठाया है।

इस बात पर दुविधा यह हें कि जब विद्यालय स्तर पर परीक्षा के साथ अन्य सभी शुल्क अथवा फंड प्रारम्भिक कक्षाओं के विद्यार्थियों से नही लेने के आदेश हें तो फिर बोर्ड की यह अधिसूचना कहीं आवश्यक एवं मुफ्त शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवहेलना तो नही। साथ ही गत वर्ष जहां 10वी कक्षा का वार्षिक परीक्षा शुल्क मात्र 600 रूपय एवं 12वी कक्षा का परीक्षा शुल्क मात्र 850 रूपय वार्षिक था इस वर्ष दो बार एकत्र होने का कारण यह राशि भी क्रमश 1000 रूपय तथा1400 रूपय वार्षिक ( दोनो छमाही की ) हो जायेगी जो महंगाई एवं कोविड से उतपन्न हुई बेरोजगारी को समस्या से जुझ रहे अभिभवाको की जेब पर काफी भारी पढ़ जायेगी। तर्क यह भी दिया जा रहा हें कि परीक्षा संचालन का पंजीकरण से मूल्यांकन तक का अधिकतर कार्य तो शिक्षको द्वारा विद्यालय स्तर पर करवाया जा रहा हें अत बोर्ड द्वारा ली जा रही यह भारी भरकम राशि न्यायोचित नही लगती। क्यों न सरकार अथवा शिक्षा विभाग शिक्षा बोर्ड की मनमर्जी पर अंकुश लगाये। 

यहां यह भी गौरतलब हें कि हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ के साथ अन्य सभी प्रमुख शिक्षक संघ इस वर्ष 

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बोर्ड की छमाही परीक्षाओं के संचालन का विरोध कर चुके हें । इस संदर्भ में विद्यालय प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर के अध्यक्ष सुरेन्द्र पुन्डीर ने कहा की जिस नई शिक्षा नीति की दुहाई देकर छमाही परीक्षाओं का संचालन किया जा रहा हें उसके लिय शिक्षार्थी, अभिभावक,विद्यालय एवं शिक्षक तेयार नही हें क्योंकि नई शिक्षा नीति के तहत छमाही परीक्षा संचालन के इस महत्वपूर्ण निर्णय से पूर्व सम्पुर्ण पाठ्यक्रम को संशोधन करने की आवश्कता हें ताकिबिसे अधिक व्यवहारिक बनाया जा सके,साथ ही ग्रीष्मकालीन एवं शीतकालीन अवकाश में भी समरूपता लाने को आवश्कता हें ताकी दोनो छमाही में विद्यार्थियों को अपना पाठ्यक्रम पुर्ण करने हेतु एक समान कार्यदिवस मिल सके इसका सबसे विपरित असर शीतकालीन विद्यालयों के विद्यार्थियों पर पढ़ेगा क्योंकि उन्हे केवल एक दिसंबर माह तथा मात्र 15 दिवस फरवरी के ही दुसरी छमाही के लिय मिलेंगे। 

फिलहाल बोर्ड ने, शिक्षा बोर्ड अधिनियम की धारा 19.3 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत 9th,10th, 11th, 12th कक्षाओं की Term I, II परीक्षाओं के लिए परीक्षा शुल्को को इस तरह से निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है..

 

Class 1st Term Fess

 

10th class — 500

(full subject) 

 

12th class — 600

(full subject)

 

9th class — 150

 

11th class — 150

 

 

Class 2nd Term Fess

 

10th class — 500

(full subject) 

 

12th class — 600+200

(full subject) (migration  

                            Fee)=800

 

9th class — 150

 

11th class — 150

 

इसके अतिरिक्त 3rd, 5th, 8th कक्षाओं के परीक्षा शुल्कों को इस प्रकार से निर्धारित किये जाने का निर्णय लिया है…..

 

Class Annual fees

3rd class — 100

5th class — 100

8th class — 150

उपरोक्त निर्धारित परीक्षा शुल्क शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू होगे।

Deepika Sharma

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