EXCLUSIVE: ये कैसा सरकारी गेस्ट हाउस “ ?
“ दीवारें टूटी हुई, बदबूदार कमरे, शोचालय ख़राब शिकारी देवी का फारेस्ट गेस्ट हाउस बदहाल

पर्यटन विकास पर सवाल, वर्षों से कोई जीर्णोद्धार नहीं
हिमाचल सरकर पर्यटन विकास को लेकर भले ही कई अहम प्रोजेक्ट पर काम कर रही हो लेकिन शिकारी देवी के नजदीक वन विभाग के इस सरकारी गेस्ट हाउस की तस्वीर कुछ और ही बयान कर रही है । जो गेस्ट हाउस हमेशा पर्यटकों से जैम पैक रह सकता है उस गेस्ट हाउस का कमरा खोल कर ही

पर्यटक वापिस लौट रहे हैं । हैरानी है कि ऐसी क्या वजह है कि ये गेस्ट हाउस अनदेखी का शिकार बन रहा है ?
लगभग दस साल से इस गेस्ट हाउस में ज़रा भी जीर्णोद्धार का काम नहीं हुआ है। ग़ौर है कि यह गैस्टहाउस बहुत ही सुंदर जगह स्थित है लेकिन इसकी हालत इतनी बदतर है कि इस जगह कोई नहीं रहना चाहता है।
अब जो कोई पर्यटक भी मजबूरी में इधर रहता है तो उसे किराये का भुगतान पाँच सौ रुपये प्रति कमरे का करना पड़ता है ।
कमरों की व्यवस्था देखें तो कमरों की दीवारें टूटने की कगार हे । बदबूदार कमरे हे।
और शोचालय खराब पड़े है । इस गेस्ट हाउस में मात्र दो ही कमरे हैं लेकिन इसकी व्यवस्था भी सुधर नहीं पाई हे ।
सवाल ये उठाय जा रहे हैं कि कहीं ये गेस्ट हाउस राजनीतिक अनदेखी का शिकार तो नहीं हो रहा? इधर जाने वाली सड़क भी पक्की नहीं हो पा रही है कई बार गाड़ियाँ फँस जाती हैं

गोर हो कि शिकारी देवी मंडी जिले में मशहूर धार्मिक पर्यटन स्थल है।
शिकारी देवी हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इसका इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है, जब यह क्षेत्र प्राचीन हिंदू राजाओं के शासन के अधीन था।
शिकारी देवी का नाम एक स्थानीय देवी के नाम पर रखा गया है, जो शिकारी समुदाय की आराध्य देवी मानी जाती है। इस क्षेत्र में कई प्राचीन मंदिर और स्मारक हैं, जो इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं।
शिकारी देवी की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के कारण, यह पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहां के दर्शनीय स्थलों में शामिल हैं:
1. शिकारी देवी मंदिर
2. प्राकृतिक दृश्य
3. वन्यजीव अभयारण्य
शिकारी देवी का इतिहास और संस्कृति पर्यटकों को आकर्षित करती है, जो यहां की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व का अनुभव करना चाहते हैं।



