असर समीक्षा: बड़ी चुनौतियों के बीच हिमाचल शिक्षा बोर्ड के बढ़ते कदम

शिक्षा के रास्ते कई चुनौतियाँ हिमाचल में सामने आने लगी है इस बीच हिमाचल शिक्षा बोर्ड के भी कुछ कदम सराहनीय साबित होते नजर आ रहे हैं ।
पिछले कुछ वर्षों में ,समय पर मुफ्त पाठयपुस्तकों को छपवाना , प्रश्न पत्रों में ऐतिहासिक फेरबदल करना तथा उन्हें केंद्रीय शिक्षा बोर्ड के मानकों के अनुरूप बनाने का प्रयास करना , प्रश्न पत्रों तथा मूल्यांकन आदि के कार्य से संबंधित शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित करना, रिकॉड समय में परीक्षा परिणाम देना , परीक्षा को अधिक पारदर्शी एवं सुव्यवस्थित आयोजित करने के लिए परीक्षा केंद्रों में स्थापित सीसीटीवी कैमरों को सीधे बोर्ड से जोड़ना , परीक्षा केंद्र समन्वयक के लिए “परीक्षा मित्रा ऐप ” बनाना, वर्ष 2012 से सभी परीक्षाओं के प्रमाण पत्रों का डिजिटाइजेशन करना, नमूना प्रश्न पत्रों एवं निर्धारित पाठ्यक्रम को समय समय पर बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाना आदि अद्वितीय एवं ऐतिहासिक निर्णयों से शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने अपनी प्रतिष्ठा को देश के प्रतिष्ठित शिक्षा बोर्ड के समकक्ष तथा कुछ मामलों में उन से भी बेहतर बनाने के प्रयास किए हैं। कुछ शिक्षक संगठनों ने इस ऐतिहासिक परिवर्तन का पूरा श्रय शिक्षा बोर्ड के सचिव मेजर ( सेवा निवृत) विशाल शर्मा को दिया हैं.
इसी संदर्भ में हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर के अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने कहा कि निसंदेह पिछले कुछ समय से शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली में दर्शनीय बदलाव नजर आए हैं जिनका सकारात्मक प्रभाव गुणात्मक शिक्षा पर अवश्यंभावी हैं साथ ही शिक्षा बोर्ड सचिव का परीक्षा से संबंधित सभी मामलों पर गंभीरता तथा अत्यधिक संवेदनशीलता से त्वरित कार्यवाही करना तथा पाठ्यक्रम निर्धारण एवं परीक्षा संचालन से संबंधित सभी संस्थाओं, संगठनों एवं शिक्षक तथा अभिभावकों के प्रतिनिधियों से निरंतर वार्तालाप के निजी प्रयास सराहनीय है।
यद्यपि पुनर्मूल्यांकन एवं पुनर्निरीक्षण के शुल्क में दोगुना वृद्धि संभवतः तार्किक नहीं हैं आशा है कि शिक्षा विभाग तथा समग्र शिक्षा विभाग के आर्थिक सहयोग से राज्य शिक्षा बोर्ड अकस्मात हुई शुल्क वृद्धि को अवश्य कम करेगा तथा शिक्षा बोर्ड सचिव के प्रयास हिमाचल शिक्षा बोर्ड को देश के प्रतिष्ठित शिक्षा बोर्डों की श्रेणी में लाने में अवश्य सफल होगा ।


