स्वास्थ्य

शाबाश: दूरबीन की मदद से पेट के कैंसर से पीड़ित तीन मरीजों को किया ऑपरेशन

शिमला के आईजीएमसी में दूरबीन की मदद से पेट के कैंसर से पीड़ित तीन मरीजों को किया ऑपरेशन

राजधानी शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने पेट के कैंसर से पीड़ित तीन मरीजों का सफलतापूर्वक लेप्रोस्कोपिक तकनीक से उपचार किया। तीनों मरीज स्वस्थ हैं। डॉक्टरों का कहना की पहली बार ये सर्जरी की गई है। शिमला में हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (आईजीएमसी ) में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी शुरू की गई है। अब आईजीएमसी में लेप्रोस्कोपिक के माध्यम से रोगियों की जटिल से जटिल सर्जरी आसानी से हो सकेंगी। इसके साथ मरीजों को कई तरह की सुविधाएं व लाभ मिलेंगे।

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इसके माध्यम से हुई सर्जरी के रोगियों का कम रक्तस्राव, कम दर्द और जल्दी से रिकवरी होगी। वहीं वर्तमान में ऐसी प्रक्रियाएं केवल चुनिंदा केंद्रीय सरकारी संस्थानों और निजी कॉर्पोरेट अस्पतालों में उपलब्ध हैं। जहां वे बहुत महंगी हैं और कई रोगियों की पहुंच से बाहर है। ऐसे में आईजीएमसी में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी शुरू होने से मरीजों को लाभ मिलेगा और सफलतापूर्वक वे अपना इलाज करवाएंगे। जिसमें सर्जरी विभाग के HOD डॉ. यू. के. चंदेल ने बताया कि लेपोस्क्रोपीक के माध्यम से पहले केवल साधारण सर्जरी की जाती थी। लेकिन अब इसमें एडवांस सर्जरियाँ भी शुरू की है। उन्होंने कहा कि पहले केवल ओपन सर्जरी के माध्यम से मरीजों का उपचार करते थे। जबकि अब भोजन नली के कैंसर के लिए, छाती के हिस्से की सर्जरी लैप्रोस्कोपीक के माध्यम से की गई है। पहली बार जो है ऐसी सर्जरी हुई है

, ऐसी उन्नत सर्जरी आईजीएमसी में नियमित रूप से नहीं की जाती है, और यह पहली बार है कि भोजन नली के कैंसर की सर्जरी लैप्रोस्कोपी का उपयोग करके की गई है। आईजीएमसी शिमला की प्रिंसिपल डॉ. सीता का कहना है कि एडवांस सर्जरी की और आईजीएमसी बढ़ रहा है। नर्सिंग स्टाफ, ऑपरेशन थिएटर सहायकों और अन्य सहायक कर्मचारियों के महत्वपूर्ण समर्थन के कारण इसे अंजाम दे पाए हैं। वहीं गरीब मरीजों को लाभ हो इसके लिए आईजीएमसी में अधिकांश खर्च हिमकेयर कार्ड के अंतर्गत कवर किए जाते हैं।

Deepika Sharma

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