अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव शिमला में कैदियों के लिए विशेषस्क्रीनिंग का होगा आयोजन

महात्मा गांधी के प्रसिद्ध वचन, “पाप से घृणा करो, पापी से नहीं“को सार्थक करते हुए, शिमला का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव(आईएफएफएस) अपने 10वें संस्करण से एक बार फिर जेलकी अँधेरी दीवारों को फिल्म स्क्रीन से रोशन करेगा । अपनेपिछले संस्करणों की तरह आईएफएफएस एक बार फिर मॉडलसेंट्रल जेल कांडा और मॉडल सेंट्रल जेल नाहन में फिल्म महोत्सवकी विशेष स्क्रीनिंग आयोजित करेगा, फिल्म महोत्सव 16 से 18 अगस्त, 2024 तक शिमला के गेयटी हेरिटेज कल्चरलकॉम्प्लेक्स में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, भाषाएवं संस्कृति विभाग (एलएसी) हिमाचल प्रदेश सरकार केतत्वावधान में हिमालयन वेलोसिटी द्वारा किया जा रहा है।
यह छठी बार है जब आईएफएफएस अपनी स्क्रीनिंग को तीनअलग–अलग स्थानों तक विस्तार कर रहा है। दो जेलों कोस्क्रीनिंग स्थानों के रूप में शामिल करने का निर्णय सिनेमा केकौशल के माध्यम से जेल के अंदर और बाहर की दुनिया केबीच के अंतर को पाटने के साथ–साथ कैदियों की रचनात्मकताका विकास करना भी है। इस पहल के माध्यम से, आईएफएफएस कैदियों को प्रेरित करने की उम्मीद करता है जोसमाज में अपनी पुनर्स्थापना करने का प्रयास कर रहे हैं ।
फिल्म महोत्सव के निदेशक पुष्प राज ठाकुर ने कहा कि जेल मेंआईएफएफएस फिल्म स्क्रीनिंग अब कैदियों के लिए महत्वपूर्णवार्षिक गतिविधियों में से एक है। यह पहल कैदियों को समाजके साथ फिर से जोड़ने और उत्साह को जीवंत करने का अवसरप्रदान करती है । मुझे उम्मीद है कि यह निश्चित रूप से जेलसुधार में एक बड़ा कदम साबित होगा।
फिल्म महोत्सव के निदेशक पुष्प राज ठाकुर ने कहा किसंस्थागत होने के डर से जूझते हुए, सलाखों के पीछे उन्हें जिनचुनौतियों का सामना करना पड़ता है, वे बाहर की संघर्षों सेअलग हैं, कैदी अपने कर्मों के लिए पश्चाताप तो करते ही है साथही मानसिक तनाव से भी गुज़र रहे होते हैं । सिनेमा में समकालीनसमाज को दर्शाने वाली प्रभावशाली कहानियों में इन कैदियों कीरचनात्मकता को बढ़ावा देने की क्षमता है और व्यक्तिगतविकास का एक मूल्यवान माध्यम भी प्रदान करता है ।
शिमला के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 10वां संस्करण 16 से 18 अगस्त, 2024 तक शिमला में स्थित ऐतिहासिक गेयटीहेरिटेज कल्चरल काम्प्लेक्स में आयोजित किया जा रहा है ।
इस वर्ष 27 देश और 22 राज्य इस प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव मेंहिस्सा ले रहे हैं, जो विविध संस्कृतियों और दृष्टिकोणों केमाध्यम से कला को दर्शाता है । अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी में अमेरिका, बेल्जियम, ईरान, कनाडा, चीन, चेक गणराज्य, तुर्की, नेपाल, मिस्र, बांग्लादेश, इटली, पोलैंड, अर्जेंटीना, स्वीडन, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और दुबई के फिल्म निर्माताभाग ले रहे हैं तथा भारत से 20 राज्य केरल, तेलंगाना



