ख़ास ख़बर: जल्द मिलेगी बच्चों को रोचक और आकर्षक पुस्तकें
समग्र शिक्षा बच्चों का संपूर्ण विकास विकसित सुनिश्चित करने वाली रोचक व आकर्षक कार्य पुस्तिकाएं कर रहा तैयार

पुस्तिकाएं तैयार करने को लेकर आयोजित कार्यशाला तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न
शिमला
समग्र शिक्षा प्रदेश के सरकारी स्कूलों की पहली और दूसरी कक्षाओं के लिए कार्य पुस्तिकाएं ( वर्क बुक्स) तैयार रह रहा है। कार्यपुस्तिकाएं तैयार करने का कार्य समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक राजेश शर्मा के निर्देशन में किया जा रहा है।
कार्यपुस्तिकाओं का ड्राफ्ट तैयार करने को लेकर एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव स्टाफ ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, सांगटी शिमला में आयोजित कार्यशाला गुरुवार को संपन्न हो गई। इस कार्यशाला में डॉ. मंजुला शर्मा, स्टेट नोडल अधिकारी (NIPUN) सहित 35 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में कार्य पुस्तिकाओं को नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन (NCF-FS-2023) में निर्धारित लर्निंग आउटकम्स के लक्ष्यों के अनुरूप तैयार करने को लेकर व्यापक विचार विमर्श किया गया।
समग्र शिक्षा पहली व दूसरी कक्षाओं की कार्य पुस्तिकाओं को इस तरह से तैयार कर रहा है कि इनसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के निर्धारित बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान ( FLN) कौशल के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। NIPUN हिमाचल 8 फरवरी 2022 को इस मकसद के साथ शुरू किया गया था कि
ग्रेड-2 की शिक्षा पूरी करने वाला हर बच्चा बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान (FLN) हासिल करे। इन लक्ष्यों के अनुरूप ही पहली व दूसरी कक्षाओं के लिए विषयवार कार्य पुस्तिकाएं बनाई जा रही हैं जो बेहद रोचक व आकर्षक होंगी। इनको सरल, आकर्षक बनाया जा रहा है, जिससे बच्चों की इनमें रूचि पैदा हो और ये प्रभावी शिक्षण उपकरण के तौर पर काम कर सकें। ये अच्छे चित्रों वाली होंगी, जिनसे शिक्षण कार्यों को जोड़कर बच्चों के सीखने की प्रक्रिया से बेहद आसान बनाया जा सके।
इन कार्यपुस्तिकाओं को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि इनसे बच्चों में समझ का स्तर बढ़ सके। इनकी सामग्री इस तरह बनाने प्रयास किए जा रहे हैं कि कि ये बच्चों में समझ विकसित करने में सहायक हों। इनमें शब्दों और चित्रों की डिक्शनरी का एक कार्नर जोड़ा जा रहा है, जिससे ये चिल्ड्रन फैंडली और प्रभावी हों। इससे बच्चों की शब्दावली (वोकैबुलरी) बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। इस तरह की कार्यशालाएं आगे भी की जाएंगी और ताकि एक व्यापक विचार विमर्श के बाद ये कार्यपुस्तिकाएं तैयार की जा सकें।


