सरकार ने ₹50000 के एरियर के भुगतान की अधिसूचना जारी कर कर्मचारियो को लॉलीपॉप देने का प्रयास किया
कर्मचारियों को छल रही हिमाचल सरकार : वीरेंद्र चौहान
आज हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ एवं संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने चंबा मे एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया जिसमें कर्मचारियों के वेतन विसंगति सहित अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात मीडिया से साझा की।
चौहान ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है कर्मचारी सरकार की नीतियों एवं कर्मचारी विरोधी निर्णय से नाखुश है छठे वेतन आयोग को जिस तरह से सरकार ने तोड़ मरोड़ कर पेश किया है और अभी हाल ही 9 सितंबर को 89 वर्गों की वेतन संशोधन की अधिसूचना जारी कर कर्मचारियों को फिर से एक बार ठगा सा महसूस कराया हैं उससे हर वर्गों के सभी विभागों के कर्मचारियों में भारी रोष है । पिछले कल सरकार ने ₹50000 के एरियर के भुगतान की अधिसूचना जारी कर कर्मचारियो को लॉलीपॉप देने का प्रयास किया है इस अधिसूचना में ना तो यह दर्शाया गया है कि कर्मचारियों को उनके एरियर का भुगतान कब कब और कितनी किस्तों में किया जाएगा या भविष्य में किस तरह से दिया जाएगा जिससे यह सिद्ध होता है कि सरकार कर्मचारियों को 2016 से दे एरियर को देना ही नहीं चाहती है केवल मात्र इलेक्शन को ध्यान में रखते हुए ऊंट के मुंह में जीरे के समान की राशि कर्मचारियों को केवल मात्र वोट बैंक प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल करना चाहती है ।
यदि सरकार इस समय भी कर्मचारियों के लाभ नहीं देना चाहती तो भविष्य में कोई भी सरकार कर्मचारियों को उनके देय लाभ देगी इस बात की कोई गारंटी नहीं है। कर्मचारियों के 7% डीए के देय भुगतान पर भी सरकार मौन है और कुछ कहने को तैयार नहीं है ना ही 4-9-14 बहाल करने की बात कर रही है और ना ही कर्मचारियों के भत्ते संशोधित कर रही है साथ ही साथ आउट सोर्स, कंप्यूटर टीचर,वोकेशनल टीचर्स, एसएमसी टीचर्स को नीति बनाने के बारे में सरकार मौन धारण किए हुए हैं जबकि बहुत बार सरकार में इन कर्मचारियों को नीति बनाकर नियमित करने का आश्वासन दिया है यदि सरकार इन वर्गों को नीति बनाकर नियमित नहीं कर सकती है तो कम से कम इन्हें छठे वेतन आयोग के अनुसार नियमित स्केल तुरंत जारी करें क्योंकि अब सरकार के पास सिर्फ 1 महीने से भी कम समय बचा है तब भी सरकार कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील नजर नहीं आ रही है कर्मचारी समस्या का समाधान चाहते हैं यहां तक कि 2017 से आज तक प्रधानाचार्य की पदोन्नति को नियमित नहीं किया गया है स्कूलों में हजारों पद खाली चल रहे है । प्राथमिक स्कूलों में एनटीटी टीचर की भर्तियां नहीं होने से व पहले से जेबीटी शिक्षकों की भारी कमी के कारण प्राथमिक स्कूलों में 5 की जगह 7 कक्षाएं होने की वजह से स्कूलो मे कार्यरत एक या दो टीचर को बच्चों के साथ न्याय करना संभव नहीं है। हर कक्षा के लिए एक शिक्षक न होने की वजह से छोटे बच्चे की शिक्षा प्रभावित हो रही है एक तरफ सरकार जहां गुणवत्ता शिक्षा के दावे कर रही है वही स्कूलों में जेबीटी, सी एंड बी, टीजीटी ,प्रवक्ताओं तथा प्रधानाचार्य की पद खाली होने से बच्चों की पढ़ाई पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है इसके अतिरिक्त सभी विभागों, बोर्डों, निगमों में अनगिनत पद खाली चल रहे हैं साथ ही कर्मचारियों की समय पर, पदोन्नतियां नहीं होने से कर्मचारियों में भारी रोष है । नियमित पदों को खत्म कर और आउटसोर्स से भर्तियां करने का प्रयास कर रही हैं जिससे आने वाले समय में रोजगार के अवसर खत्म हो जाएंगे ऐसी स्थिति में कर्मचारी सरकार के खिलाफ लामबंद है सरकार को इस बात का एहसास हो जाना चाहिए कि कोई भी सरकार कर्मचारियों के बगैर सत्ता में नहीं आ सकती है चौहान ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि यदि सरकार सत्ता में वापसी करने के स्वपन देख रही है तो कर्मचारियों की सभी मांगों को पूरा करना ही होगा अन्यथा सरकार भूल जाए कि वह सत्ता में दोबारा काविज् हो सकती है वीरेंद्र चौहान


