रोष: एक माह तक काले बिल्ले लगाकर ही मरीज़ों का इलाज करेंगे डॉक्टर
हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ की बैठक संघ के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश राणा की अध्यक्षता में आयोजित की गई।

हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ की बैठक संघ के अध्यक्ष डॉक्टरराजेश राणा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में राज्यकार्यकारिणी के सदस्य, सभी जिला से संघ के प्रतिनिधियों, सभी खंडों केप्रतिनिधियों सभी नागरिक चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों, रेजिडेंट डॉक्टरएसोसिएशंस के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री महोदय से 13 फरवरी की वार्ता के मिनिट्स ऑफ़मीटिंग अभी तक संघ से सांझा नही किए गए हैं। संघ ने एक महीने सेअवधि तक काले बिल्ले लगाकर कार्य किया लेकिन संघ को अभी तकआश्वासन ही मिला है। माननीय मुख्यमंत्री महोदय से संघ की वार्ता 3 जूनको हुई थी जिसके मिनिट्स आफ मीटिंग अब तक संघ से सांझा नहीं किएगए हैं और जिन मांगों को उन्होंने माना था उनमें से कुछ मांगों पर तो विपरीतकदम उठाए गए हैं। यदि मंगलवार 13 फरवरी को माननीय मुख्यमंत्री महोदयसे हुई संघ की वार्ता के मिनट्स ऑफ मीटिंग एक सप्ताह में नहीं आते हैं तोसंघ मंगलवार 20 फरवरी से 12:00 बजे तक पैन डाउन करेगा। इस दौरानआपातकालीन सेवाएं ही प्रदान की जायेंगी। यदि संघ की मांगों को शीघ्रनहीं माना तो संघ के सभी सदस्य 5 मार्च को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
मुख्यमंत्री महोदय ने संघ की मांगों के संदर्भ में समितियों को बनानेकी बात कही थी। लेकिन जो समितियां बनाई गई है वो धरातल पर कोईकार्य करती नजर नहीं आ रही हैं। पिछले डेढ़ वर्ष से डिपार्टमेंटल प्रमोशनलकमेटी खंड चिकित्सा अधिकारियों की पदोनति करने में असमर्थ रही है। यहकमिटी तो स्वर्ग सिधार चुके चिकित्सकों की, नौकरी छोड़ चुके चिकित्सकोंकी, मेडिकल कॉलेजों में कार्य कर रहे चिकित्सकों की और जिन चिकित्सकोंने पदोन्नति नहीं लेने के लिए लिख कर दे दिया है उनकी भी एसीआर ढूंढ रहीहै। माननीय मुख्यमंत्री मोहोदय ने यह बात कही थी की आजकल तुरंतऑनलाइन मध्यम से एसीआर प्राप्त की जा सकती है उसके बाद भी डीपीसीके माध्यम से आज तक चिकित्सकों की पदोन्नति नहीं हो पाई है। रोजगारका इंतजार कर रहे चिकित्सक भी विभाग की कछुआ गति का शिकार हो रहेहैं क्योंकि जब तक चिकित्सकों की पदोनाती नही होती तब तक रोजगार केलिए पद भी रिक्त नहीं होंगे। चिकित्सकों की सीनियरिटी लिस्ट बनाने के भीलिए कमेटी का गठन किया गया है लेकिन 2016 के बाद आठ साल हो गएलेकिन अब तक सेनियोरिटी लिस्ट नही बन सकी है। पीजी पॉलिसी के लिएभी कमेटी का गठन किया गया है लेकिन अभी तक पीजी पॉलिसी में संशोधननहीं हो पाया है।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने संघ के साथ 3 जून 2023 की वार्ता मेंऔर 13 फरवरी 2024 की वार्ता में प्रोजेक्ट डायरेक्टर एड्स कंट्रोलसोसाइटी का कार्यभार स्वास्थ्य निदेशक को एवं मेडिकल कॉलेजों केप्रधानाचार्य तथा स्वास्थ्य अधीक्षकों की शक्तियां लौटने की बात कही थीलेकिन अभी तक इस संदर्भ में भी कोई परिणाम सामने नहीं आया है।
प्रदेश में विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खाली चल रहे हैं औरकई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं नागरिक चिकित्सालय चिकित्सकों केअभाव में चलाए जा रहे हैं ऐसे में वर्ष भर से प्रदेश की जनता को बेहतरीनस्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रहना पड़ा है और यदि इन स्थानों में अतिरिक्त पदसृजित नहीं करवाए जाते हैं तो राज्य के लोगों को बेहतरीन चिकित्सासुविधाओं से जान बूझ कर वंचित रखा जाएगा।
राज्य के मेडिकल कॉलेज में अधिकांश प्रशिक्षु चिकित्सक हिमाचलके ही स्थाई निवासी हैं। ऐसे में उनके रोजगार के लिए प्रदेश के सभी स्वास्थ्यसंस्थानों में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुसार पद सृजित करवाएजाएं। हमारे ही पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में चिकित्सकों के 4500 पद स्वीकृतहैं जोकि हिमाचल से डेढ़ गुना हैं और हिमाचल में 3000 से ही कमचिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं।
हिमाचल के चिकित्सक पूरे देश भर में बेहतरीन चिकित्सा सुविधा प्रदानकरने के लिए जाने जाते हैं और हमारे हेल्थ इंडिकेटर्स भी देश भर मेंसराहनीय हैं। ऐसे में हिमाचल के चिकित्सकों को भी सेंट्रल हेल्थ सर्विसिसके तुल्य डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम लागू की जाए। जिनराज्यों में चिकित्सकों के एनपीए की कटौती हुई है उन राज्यों की सरकारीस्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। अतः हिमाचल में चिकित्सकों की अग्रिम भर्तीमें एनपीए को संलग्न रखा जाए ताकि प्रदेश में मिल रही स्वास्थ सेवाओं कीगुणवत्ता से कोई समझता न हो।
संघ की भी यह भी मांग है कि स्वास्थ्य निदेशक को डिप्टी मिशनडायरेक्टर के पद से हटाया जाए क्योंकि संघ की यह मान्य नहीं है किस्वास्थ्य निदेशक किसी अन्य निदेशक के अधीनस्थ कार्य करे। डीपीसी नहोने से जो सेवाविस्तर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं अन्य चिकित्साअधिकारियों को प्रदान किया गया है उसे भी शीघ्र समाप्त किया जाए ताकिरिक्त पदों पर युवा चिकित्सकों को रोजगार उपलब्ध हो सके। साथ हीस्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अन्य विभागों के अधिकारियों या कर्मचारियों कोहटाकर एमबीबीएस चिकित्सकों को ही कार्यक्रम अधिकारी लगाया जाएक्योंकि उन्हें ही कार्यक्रम चलाने का ज्ञान एवं अनुभव होता है। संघ प्रदेश कीजनता के लिए समर्पित है और संघ की मांगे पूरी होने से ही प्रदेश की जनताको और बेहतरीन सेवाएं उपलब्ध होंगी।




