भले ही आईजीएमसी बड़े-बड़े गंभीर रोगों का इलाज करता है लेकिन कई बार कुछ ऐसी छोटी सी सुविधा मरीज को नहीं मिल पाती जिसके कारण उसे बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ऐसा ही एक मामला इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में सामने आया जिसमें एक मरीज को घंटों तक व्हीलचेयर नहीं मिली नतीजा यह हुआ कि मरीज के तीमारदार ने उसे पीठ पर घंटो उठाया और इलाज के लिए वह दिन भर घूमता रहा।
जहाँ लोग इतनी दूर से अपनी बीमारियों का इलाज करवाने शिमला आईजीएमसी आते हैं। लेकिन फिर भी उन्हें कई बार उन्हें छोटी सी सुविधा नहीं मिल पाती है। नाहन से एक आपातकाल के लिए एक रोगी आया। नाहन के रहने वाले सनी जिनको काम करते समय उनकी पैरों के ऊपर पलेट गिर गयी। जिस वजह से उनके पैरों में चोट लग गई । अच्छे उपचार की आशा से वह अपने परिवार के साथ आईजीएमसी शिमला आया। सनी से बात करने पर उसने कहा कि उसके पास पैसे न होने की वजह से उसे असपताल में एक कमरा तक नहीं दिया गया । उसके पांव में पलासटर होने की वजह से वह चलने में असमर्थ था लेकिन जब उसके बड़े भाई से असपताल में अपने भाई के लिए वीलचेयर मांगी तो असपताल से एक वीलचेयर तक की सुविधा नहीं मिली।
वह अपने भाई को पीठ में उठाकर ही एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं। उनहोंने कहा कि अब जब उनके घर से कोई और पैसे लेकर आएगा तो ही उनहे वहाँ पर कमरा मिल पाएगा। उनहोंने कहा कि अस्पताल में हम जैसे बेसहारा के लिए भी अच्छे इलाज की वयवस्था होनी चाहिए। ताकि उनहे वहाँ इलाज कराने में परेशानी न आए।
असर न्यूज़ से
गरिमा की रिपोर्ट



