EXCLUSIVE: हिमाचल के कई एक्स रे-सीटी स्कैन सेंटर और कैथ लैब पर लटक सकते हैं ताले
सीएमओ, बीएमओ को नोटिस, स्वास्थ्य से खिलवाड़ भाग 2, देखें असर न्यूज़ की खास रिपोर्ट
स्वास्थ्य से खिलवाड़ भाग 2
स्टेट हैल्थ को एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड की ओर से नोटिस जारी किया गया है। इसमें परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद में अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर सवाल उठाए गए हैं। जिसमें हिमाचल के कई सीएमओ और बीएमओ को भी सवालों के घेरे में लिया है। बताया जा रहा है कि बार-बार रजिस्ट्रेशन को लेकर सीएमओ और बीएमओ को पत्र लिखे गए हैं लेकिन उनके तहत केंद्र के पंजीकरण को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाया जा रहा है।
गौर हो कि पहले ही प्रदेश की सीएचसी पीएचसी और मेडिकल कॉलेजों को बार-बार के पत्र भेजा गया है कि इसे पंजीकरण करवाया जाए। लिहाजा अब बार-बार नोटिस देने के बावजूद यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन डिपार्टमेंट जल्द ही इन सेंटर्स पर ताले लगा सकता है।
लटक सकते हैं ताले
परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद में यदि अस्पताल पंजीकृत नहीं किए तो प्रदेश स्वास्थ्य को बड़ा झटका लग सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि जांच पर टीम आई तो प्रदेश के सरकारी ही नहीं, बल्कि निजी एक्स-रे व •सीटी स्कैन सेंटर्ज पर भी ताला लग सकता है। नियम के मुताबिक बोर्ड में पंजीकरण होने का यह भी मरीज के लिए लाभ है कि उसे विश्वास रहे कि जिस जगह उसे रेडिएशन दी जा रही है, वहां से उसे कोई दूसरी बीमारी तो नहीं लग रही।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के लगभग 70 फीसदी सरकारी अस्पताल और 50 फीसदी निजी अस्पतालों ने एईआरबी में रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवाया है। यानी बोर्ड के नियम के तहत अस्पतालों के एक्स-रे और सीटी स्कैन, कैथ लैब सेंटर्स की जगह वहां पर काम करने वाले डाक्टर्स और रेडिएशन की मात्रा कितनी होनी चाहिए व सुरक्षा और रेडिएशन देने के क्या मापदंड होने चाहिएं आदि बातों पर परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद में अस्पताल को पंजीकृत होना पड़ता है। इन सेंटर्ज के काम पर जांच की टीम सहित लाइसेंस की पूरी कार्यप्रणाली को लेकर बोर्ड में पंजीकृत किया जाता है। नोटिस के बाद हैल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन डिपार्टमेंट ने भी गंभीरता जाहिर की है, जिसमें प्रदेश के मेडिकल कालेजों के प्रिंसीपल और सभी जिला के सीएमओ को नोटिस जारी कर दिए गए हैं, जिसमें निदेशक की ओर से कहा गया है कि जल्द बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करवाया जाए। मामला गंभीर इसलिए भी है, क्योंकि रेडिएशन यदि सही ढंग से मरीज को न दिया जाए तो उसे कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है। वहीं, जो डाक्टर मरीज को रेडिएशन देगा, यदि वह सही ढंग से न दिया जाए तो उसके खुद के स्वास्थ्य को भी खतरा पैदा हो सकता है।
● परमाणु ऊर्जा नियामक
परिषद की ओर से हिमाचल को दिए नोटिस के बाद स्टेट हैल्थ एंड रेगुलेशन निदेशालय ने गंभीरता जाहिर की है। निदेशालय की ओर से सभी प्रिंसीपल और जिला सीएमओ को जरूरी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इनमें बोर्ड में अस्पताल को जल्द पंजीकृत करवाने के निर्देश दिए गए हैं
क्या बोल रहे असिस्टेंट डायरेक्टर , रेडियेशन सेफ्टी
हैल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन डिपार्टमेंट के असिस्टेंट डायरेक्टर रेडिएशन सेफ्टी विनोद चौहान ने कहा है कि बार-बार केंद्र के रजिस्ट्रेशन को लेकर संबंधित प्रशासन को नोटिस जारी किए जा रहे हैं लेकिन उन्हें पंजीकरण की गंभीरता समझ नहीं आ रही हैं अब जल्द ही इनके सेंटर्स पर ताले लटकाने के आदेश जारी किए जाएंगे। इस बारे में एईआरबी से इन केंद्रों के बारे में शिकायत की जाएगी और आगामी जांच के बाद जो भी कार्रवाई तय होगी वहां इन केंद्रों के ऊपर की जाएगी।


