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जेल बंदी अपने कारावास अवधि का सही तरह कर पाएंगे उपयोेग, चलेंगे सही राह पर

मुख्यमंत्री ने माॅडल प्रीजन मैनुअल-2021 जारी किया

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मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने  ओक ओवर में हिमाचल प्रदेश माॅडल प्रीजन मैनुअल-2021 को जारी किया। उन्होंने कहा कि यह माॅडल प्रीजन मैनुअल कारागार बंदियों के सुधार और पुनर्वास में सहायता करेगा और जेल बंदी अपनी कारावास अवधि का सही उपयोेग कर नए व्यवसायिक कौशल सीखेंगे। इस प्रकार कारावास से रिहा होने के बाद वे आसानी से अपनी आजीविका अर्जित कर अपने परिवार की सहायता कर सकते हैं और फिर से अपराध की राह पर चलने के बजाय पुनर्वास के बाद समाज का हिस्सा बन आदर्श नागरिक के रूप में देश की सेवा करेंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष-2020 में आयोजित डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रत्येक राज्य को एक आदर्श राज्य जेल नियमावली बनाने का निर्देश दिया था, इसलिए राज्य पुलिस आदर्श जेल नियमावली का मसौदा तैयार करने और यथाशीघ्र लागू करने का भी निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि मौजूदा हिमाचल प्रदेश जेल मैनुअल-2000 लगभग 21 साल पुराना है। उन्होंने कहा कि जेल मैनुअल में राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों, खान-पान और जलवायु परिस्थितियों के अनुसार कुछ संशोधन किए गए हैं।

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जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कारागारों में नई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की जाएंगी, जिसमें कैदियों को उनके कौशल, क्षमता और इच्छा के अनुसार आजीविका कमाने के लिए कार्य और प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता लाने के लिए सभी करागारों को कम्प्यूटरीकृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जेलों का प्रबंधन ई-प्रीजन साॅफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा, जिन्हें आईसीजेएस प्रणाली के माध्यम से अदालतों, पुलिस और फाॅरेंसिक विज्ञान विभागों से जोड़ा जाएगा।

 

पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य की जेलों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए नई आधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।

 

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस कारागार एवं सुधार सेवाएं एन. वेणुगोपाल ने कहा कि कारागार कर्मचारियों को इस नई जेल नियमावली के प्रावधानों के सुचारू एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जेलों में कैदियों का डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जाएगा ताकि पैरोल, फरलो आदि के दौरान उन पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में 14 जेल हैं, जिनमें 2 केंद्रीय जेल, 9 जिला जेल और 3 उप-जेल हैं।

 

इस अवसर पर मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) मनोज कुमार, महानिरीक्षक दलजीत ठाकुर, उप महानिरीक्षक सुनील कुमार, वरिष्ठ अतिरिक्त महानिरीक्षक शेर चंद शर्मा, मुख्य कल्याण अधिकारी भानु प्रकाश शर्मा आदि उपस्थित थे।

 

 

Deepika Sharma

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